लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताज़ा फैसले से यूपी के सरकारी गलियारों में हड़कंप मच गया है. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने नाकाबिल अधिकारियों और कर्मचारियों को रिटायर करने का एलान किया था. गुरूवार को चुनाव प्रचार पर निकलने से पहले उन्होंने कई अफ़सरों को जबरन रिटायर करने के आदेश दिए.


इसकी शुरुआत पुलिस विभाग से हुई है. डीएसपी रैंक के तीन अफसरों को रिटायर कर दिया गया है. केश करन सिंह, कमल यादव और श्योराज सिंह पर कार्रवाई हुई है. यूपी के डीजीपी सुल्तान सिंह की सिफारिश पर इन पुलिस अफ़सरों को रिटायर किया गया है. इन पर भ्रष्टाचार से लेकर काम में लापरवाही और गड़बड़ी करने के आरोप हैं. प्रदेश पुलिस सेवा के अफसरों के संगठन के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा “ अभी हमें पता नहीं किस आधार पर ऐसा किया गया है और न ही पीड़ित अधिकारियों ने हमसे संपर्क किया है “


इसी तरह वाणिज्य कर विभाग के पांच अधिकारियों को भी जबरन रिटायर कर दिया गया है. इनमें एडिशनल कमिश्नर रैंक के एक, संयुक्त आयुक्त रैंक के दो, डिप्टी और असिस्टेंट कमिश्नर रैंक के एक-एक अफ़सर हैं. पिछले 10 साल के कामकाज के रिकॉर्ड को देखते हुए इन अधिकारियों को रिटायर किया गया है. पिछले ही हफ़्ते तीन पीसीएस अधिकारियों को भी रिटायर किया गया था. सूत्रों का कहना है कि अभी और भी कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.