नई दिल्लीः बीते साल अगस्त में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीज़न की कमी के कारण 60 बच्चों की मौत हुई थी और अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले पर नया बयान दिया है. इस अनहोनी के लिए उन्होंने आक्सीज़न की कम नहीं बल्कि अस्पताल की आंतरिक राजनीति को वजह बताया है. उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल में ऑक्सीज़न की कमी होती तो वे बच्चे पहले मरते जो वेंटिलेटर पर थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
शनिवार को लखनऊ में एक आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, '' इस घटना की जानकारी मिलते ही मैंने स्वास्थ विभाग के डायरेक्टर जनरल को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज भेजा और उनके साथ ही हमारे स्वास्थ मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री को भी भेजा. मैंने कहा कि आप लोग वहां की स्थिति का जायज़ा लेकर मुझे रिपोर्ट भेजें. इन लोगों ने शाम तक मुझे रिपोर्ट दी और अगले दिन मैंने वहां का कार्यक्रम बनाया. मैंने पूछा लोगों से आखिर ये सब कैसे हुआ , क्या मामला है? उन्होंने कहा ऐसा कुछ भी मामला नहीं है. अगर ऑक्सीज़न के अभाव से मौत होती तो सबसे पहले वे बच्चे मरते जो वेंटिलेटर पर हैं. उन बच्चों के स्वास्थ में पहले की तुलना में सुधार है. मैंने कहा कोई बात तो जरुर होगी. फिर मुझे पता चला ये अस्पताल के आंतरिक राजनीति के कारण हुआ. हमें लंबे समय तक वहां के डॉक्टरों की काउंसलिंग करनी पड़ी और समझाना पड़ा कि आप काम करिए इन सब की चिंता ना करिए.
हाईकोर्ट में कुछ औरऔर जनता के बीच कुछ और बयान-कफील खान
मुख्यमंत्री के इस बयान पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर कफील खान ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, '' अपने डीजीएमई और स्वास्थ मंत्री के बचाने के लिए मुख्यमंत्री खुद पॉलिटिक्स कर रहे हैं. एक साल बाद उन परिजनों के साथ पॉलिटिक्स ना की जाए जिन्होंने अपने बच्चे खो दिए हैं. उनके जख़्मों पर नमक ना छिड़कें. जब यूपी सरकार इलाहाबाद हाई कोर्ट में एफिडेविट देती है तो उसमें कहती है कि ऑक्सीज़न की स्पलाई सुनिश्चित नहीं की जा सकी जिसके कारण बच्चों की जान गई. पुष्पा सेल लिमिटेड (ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी) को पमेंट नहीं करने के कारण ऑक्सीज़न की शॉर्टेज हुई. ये लोग हाईकोर्ट में कुछ और कहते हैं और जनता के बीच बयान कुछ और देते हैं.''
आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज में साल 2017 में 10 से 12 अगस्त के बीच 48 घंटे में 36 बच्चों की मौत पर पूरे देश में काफी बवाल हुआ था. लगभग 60 बच्चों की मौत लिक्विड ऑक्सीज़न की कमी से हुई. डॉक्टर कफील का नाम इस कंट्रोवर्सी के बाद सामने आया. कफील को इन बच्चों की मौत मामले में गिरफ्तार किया गया था. कफील खान आठ महीनें से जेल में बंद थे. कफील की गिरफ्तारी काफी विवादों में रही थी. बच्चों के लिए खुद ऑक्सीज़न सिलेंडर का इंतजाम करने को लेकर कफील खान ने काफी तारीफें बटोरी थी लेकिन बाद में उन्हें एनआईसीयू प्रमुख के पद से हटा दिया गया था. इसके बाद उनको आपराधिक षड्यंत्र, गैर-इरादतन हत्या की कोशिश सहित कई अन्य मामलों में गिरफ्तार किया गया था.