लखनऊ: दशहरा के मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस बार भी गोरखनाथ मंदिर में कलश स्थापना करेंगे. सीएम योगी नवरात्र के पूरे नौ दिन व्रत रखेंगे. इस दौरान योगी फल और दूध का सेवन करते हैं. उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका ये पहला शारदीय नवरात्र है. योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं. हर बार नवरात्र के नौ दिन वो मंदिर में रह कर ही पूजा करते रहे हैं. इस दौरान वो अपने कमरे से नीचे तक नहीं उतरते थे और बहुत जरूरी होने पर ही लोगों से मिलते थे.


21 सितंबर को गोरखनाथ मंदिर में कलश पूजा के बाद लखनऊ लौट आएंगे सीएम योगी


हालांकि सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ के लिए इस बार नवरात्र कुछ अलग होगा. 21 सितंबर को गोरखनाथ मंदिर में कलश पूजा के बाद वो लखनऊ लौट जाएंगे. दोबारा 29 सितंबर को वो गोरखपुर लौट आएंगे. मंदिर के मुख्य पुजारी कमलनाथ ने एबीपी न्यूज़ को बताया, "नवमी को महाराज जी कन्या पूजन और बटुक बालक पूजन कर उन्हें भोजन कराएंगे." कुंवारे लड़के और लड़कियों को दुर्गा पूजा में भोजन कराने की परम्परा रही है. योगी आदित्यनाथ खुद बच्चों के पांव चांदी की थाली में धोते है और उन्हें बैठाकर खाना खिलाते हैं. चैत्र नवरात्र में उन्होंने लखनऊ में रहकर मुख्यमंत्री के बंगले पर ही इसे को निभाया था.



विजयादशमी की सुबह सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में स्थापित देवी देवताओं और संत महंतों की पूजा करेंगे. गौशाला में पूजन के बाद मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकलेगी. शाम को गोरखनाथ मंदिर में सहभोज होगा. योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय के हैं, जहां भगवान शिव की उपासना होती है लेकिन योगी आदित्यनाथ मां दुर्गा की आराधना भी उतनी ही श्रद्धा और भक्ति भाव से करते रहे हैं. हर दिन तीन बजे उठ कर सीएम योगी और पूजा पाठ करते हैं. इस बार नवरात्र में सीएम योगी सिर्फ तीन दिन ही गोरखनाथ मंदिर में रह पाएंगे.


इससे पहले भी शारदीय नवरात्र में गोरखनाथ मंदिर में ही रहने की योगी आदित्यनाथ की परम्परा टूट चुकी है. बाते साल की बात है, नंदानगर में रेल हादसे में उन्हें जाना पड़ा था. परंपरा को तोड़ते हुए योगी आदित्यनाथ घटनास्थल पर पहुंचे थे.