त्रिपुरा में बीजेपी की जीत का योगी कनेक्शन
लेफ़्ट के गढ़ रहे त्रिपुरा में बीजेपी की जीत में योगी का रोल अहम क्यों माना जा रहा है. पहले इसको समझ लें .
नई दिल्ली: त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बन रही है. ये किसी अनहोनी से कम नहीं है. पिछले 25 सालों का सीसीएम का राज ख़त्म हो गया है. 20 सालों से सीएम रहे माणिक सरकार अपनी सरकार नहीं बचा पाए. त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के नायक बन कर उभरे हैं योगी आदित्यनाथ. गोरखनाथ मंदिर के दर्शन के बाद योगी ने कहा “ पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी की जीत पीएम मोदी में विश्वास का प्रतीक है”.
त्रिपुरा में चुनाव प्रचार से लौटने के बाद भी योगी ने मंदिर में पूजा की थी. वे गोरक्ष पीठ के महंत भी है. जो नाथ संप्रदाय का सबसे बड़ा पीठ है. यही है त्रिपुरा का योगी कनेक्शन. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ त्रिपुरा में बीजेपी के स्टार प्रचारक थे. उन्होंने वहां 7 रैलिायं और 4 रोड शो के जरिए प्रचार किया था. योगी ने त्रिपुरा में विधानसभा की 20 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था. योगी ने त्रिपुरा में अपने चुनाव प्रचार की शुरूआत धरमनगर के मंदिर से की थी. ये भी नाथ सम्प्रदाय का ही मंदिर है.
लेफ़्ट के गढ़ रहे त्रिपुरा में बीजेपी की जीत में योगी का रोल अहम क्यों माना जा रहा है. पहले इसको समझ लें .
त्रिपुरा की आबादी 36 लाख है. क़रीब 12 से 13 लाख बंगाली लोग नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए हैं. इनमें से अधिकतर वे हैं जो बांग्लादेश से आकर यहां बस गए हैं. नाथ समाज के लोग योगी को गुरू मानते हैं. ये लोग केन्द्र में ओबीसी की श्रेणी में आते हैं. लेकिन त्रिपुरा में सामान्य जाति में आते हैं. इस वजह से उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है. बीजेपी ने नाथ संप्रदाय के लोगों को आरक्षण देने का वादा तो नहीं किया है. लेकिन योगी के प्रचार करने से इस समाज में बीजेपी अपनी पैठ मज़बूत करने में कामयाब रही है.
2013 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी 50 सीटों पर लड़ी थी. इनमें से 49 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार अपनी ज़मानत भी नहीं बचा पाए थे.त्रिपुरा में विधान सभा की 60 सीटें हैं.
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