C Voter Survey: केंद्रीय नेतृत्व या राज्य सरकार...यूपी में हार के लिए कौन जिम्मेदार? सर्वे से हो गया साफ
C Voter Survey: हाल ही में यूपी में सीएम योगी को हटाए जाने की अटकलों के बीच कई अहम बैठकें भी हुईं. अब एक ताजा सर्वे में जनता से इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश की गई है.
UP Opinion Poll: लोकसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से काफी नीचे रही, जिसकी वजह से गठबंधन की सरकार बनानी पड़ी. भगवा पार्टी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा. मगर, एनडीए गठबंधन को बहुमत मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए. इस बीच बीजेपी एनडीए गठबंधन की जीत बताकर काफी खुश नजर आ रही है. इस बीच नतीजों को लेकर जनता की राय जानने की कोशिश की गई.
सर्वे कराने वाली एजेंसी सी वोटर्स और आजतक ने हाल ही में एक सर्वे किया गया था, जिसमें जनता से चुनाव को लेकर और क्या बीजेपी यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ को हटाने की तैयारी चल रही है? जिसमें से 42 प्रतिशत जनता ने जवाब दिया कि बीजेपी योगी को हटा सकती है. इसके अलावा 28.6 फीसदी लोगों ने कहा कि अभी चर्चा हो रही है. जबकि 20 फीसदी लोगों का मानना है 'नहीं'. यानी 20 फीस लोगों ने उस सवाल का जवाब नहीं में दिया.
बेरोजगारी और महंगाई BJP के लिए बनी घातक
इस सर्वे में यह भी पूछा गया कि लोकसभा चुनावों में बीजेपी को नुकसान किस वजह से हुआ. इस पर 49.3 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी और महंगाई को जिम्मेदार ठहराया. वहीं, 22 फीसदी लोगों ने संविधान बदलने के आरोप की भी वजह बताई. हालांकि, 10 फीसदी लोगों ने नेताओं और संगठन में राज्य की कमी को जिम्मेदार ठहराया. जबकि, लोगों को सरकार के प्रति नाराजगी महज 4.9 फीसदी थी.
UP में हार की वजह कौन?
यूपी में सभी 80 सीटें जीतने का दावा कर रही बीजेपी को सिर्फ 33 सीटों पर ही जीत मिली. इस पर बीजेपी को हुए नुकसान की वजह को 28 फीसदी जनता ने प्रदेश के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया. जबकि, 21 फीसदी लोगों ने केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहरा दिया. वहीं, 18 फीसद लोगों ने पार्टी संगठन को भी जिम्मेदार बताया है.
अयोध्या की हार में OBC और दलित बनें अहम फैक्टर
ऐसे में बीजेपी को अयोध्या यानी कि फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार काफी सदमे वाली रही. इस पर जब जनता से सवाल पूछा गया तो 28 फीसदी लोगों ने बताया कि ओबीसी और दलितों में बेहद नाराजगी चल रही है. इसके अलावा अखिलेश की पीडीए को 24 फी लोगों ने वजह बताया तो 25 फीसदीं लोगों ने कहा कि स्थानीय स्तर पर नाराजगी थी, जिसको लोगों ने अहम फैक्टर बताया.
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