हैदराबाद निकाय के चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पर कुशासन और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया. योगी ने कहा कि मतदाताओं को एक दिसंबर को होने वाले हैदराबाद निकाय चुनाव के दौरान यह दिखा देना चाहिए कि वे लूट की छूट नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में फैजाबाद और इलाहाबाद क्रमश: अयोध्या और प्रयागराज हो सकते हैं तो हैदराबाद भी दोबारा भाग्यनगर हो सकता है.


एक दिसंबर को होने वाले चुनाव से पहले शुक्रवार रात को भाजपा की प्रचार अभियान बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, अगर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि 12 करोड़ किसानों के खाते में पहुंच सकती है तो केसी राव की सरकार ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के खातों में पैसे क्यों नहीं भेजे? योगी ने आरोप लगाया कि यदि टीआरएस और एआईएमआईएम का गठबंधन निकाय चुनाव में जीत हासिल करता है तो जनता को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पाएंगी.


150 सीटों के लिए हो रहा है चुनाव


ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में 150 सीटें हैं. पिछले चुनाव में 99 सीटें तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को मिली थी. असदुद्दीन औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी को महज चार सीटों से संतोष करना पड़ा था. यहां 1 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे, वोटों की गिनती 4 दिसंबर को होगी.


जानिए बीजेपी क्यों झोंक रही है पूरी ताकत


ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव को दरअसल 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है. यहीं कारण है कि बीजेपी ने केसीआर और असदुद्दीन ओवैसी के मजबूत दुर्ग में अपने दिग्गज नेताओं की फौज उतार दी है. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है. यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल-मलकजगिरी और संगारेड्डी आते हैं.


इस पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और तेलंगाना के 5 लोकससभा सीटें आती हैं. यही वजह है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में केसीआर से लेकर बीजेपी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी तक ने ताकत झोंक दी है. इसके अलावा इस नगर निगम का सालाना बजट लगभग साढ़े पांच हजार करोड़ का है. तेलंगाना की जीडीपी का बड़ा हिस्सा यहीं से आता है. यहां की आबादी लगभग 82 लाख लोगों की है.


राज्य में बीजेपी के हैं 4 सांसद


तेलंगाना राज्य जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास 119 में से केवल दो विधायक हैं और वहीं 17 लोकसभा सीट में केवल 4 सांसद हैं.


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