लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अबतक सूबे में पांच सीटों पर उपचुनाव हुए हैं. जिनमें से बीजेपी सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है. योगी आदित्यनाथ के शासन में प्रदेश में अबतक तीन लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं. योगी ने पिछले साल 19 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
- कैराना में बीजेपी पर भारी पड़ा विपक्ष
आज यूपी की कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आए हैं. इन नतीजों ने यूपी में बीजेपी के लिए खतरें की घंटी बजा दी है. कैराना लोकसभा उपचुनाव में अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल से उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने बीजेपी उम्मीदवार मृगांका सिंह को हराकर जबरदस्त जीत हासिल की है. इस उपचुनाव में आरएलडी को समाजवादी पार्टी, मायावती की बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने समर्थन दिया था. बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के फरवरी में निधन के कारण कैराना सीट पर उपचुनाव हुए थे.
- गोरखपुर में समाजवादी पार्टी ने दर्ज की जीत
इसी साल मार्च में हुए गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी के समर्थन से मैदान में उतरी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद ने बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला के खिलाफ 25,870 वोटों से जीत हासिल की थी. बड़ी बात यह है कि इस सीट से पहले खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार सांसद थे. सीएम बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था. गोरखपुर को बीजेपी का गढ़ माना जाता था.
- फूलपुर में भी बीजेपी पर भारी पड़ी समाजवादी पार्टी
गोरखपुर के साथ फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 59,613 वोटों के साथ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नागेंद्र सिंह पाल ने जीत दर्ज की थी. यहां उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार कौशलेंद्र सिंह पटेल को हरा दिया था. बड़ी बात यह है कि इस सीट से यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सांसद थे. उनके इस्तीफे के बाद ये सीट खाली हो गई थी.
- सिकंदरा विधानसभा सीट पर बीजेपी की जीत
पिछले साल दिसंबर में यूपी की सिकंदरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. इस चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार अजीत पाल ने समाजवादी पार्टी की सीमा सचान को करीब सात हजार वोटों से हरा दिया था. ये सीट मथुरा प्रसाद पाल के निधर के बाद खाली हुई थी. बीजेपी ने मथुरा प्रसाद के बेटे को ही इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था.
- नूरपुर विधानसभा उपचुनाव
नूरपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नईमुल हसन ने बीजेपी के उम्मीदवार अवनि सिंह को करीब 6 हजार वोटों से हरा दिया है. ये सीट पहले बीजेपी के पास थी. इस सीट पर हार के बाद बीजेपी के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है. नूरपुर में बीजेपी विधायक लोकेन्द्र सिंह चौहान की सडक दुर्घटना में मौत के कारण उपचुनाव हुए थे.
बीजेपी और योगी दोनों के लिए खतरे की घंटी
दिल्ली की सत्ता का रास्ता 80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है. ऐसे में उपचुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी दोनों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बीएसपी मुखिया मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरएलडी प्रमुख अजीत सिंह का महागठबंधन अगर अगले लोकसभा चुनाव तक बना रहा तो फिर बीजेपी के सामने बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती हैं.
बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनावों में यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 71 सीटों पर, उसकी सहयोगी अपना दल ने 2 सीटों पर, समाजवादी पार्टी ने 5 सीटों पर और कांग्रेस ने दो सीटों पर कब्जा किया था. इस चुनाव में बीएसपी को एक भी सीट नहीं मिली थी.