लखनऊ: कोरोना वायरस महामारी के बाद आये अतिरिक्त वित्तीय बोझ के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को दिये जाने वाले कई भत्ते को समाप्त करने का फैसला किया है. पिछले महीने सरकार ने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को मिलने वाले इन भत्तों को एक साल के लिए रोकने का फैसला किया था.
वित्त सचिव संजीव मित्तल की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार के राजस्व में आयी कमी के बाद उन भत्तों की समीक्षा की गई, जो केन्द्र में या तो बंद कर दिये गये हैं या फिर नहीं हैं और राज्य सरकार में अनुमान्य हैं.
विभाग ने सचिवालय भत्ता, पुलिस के विभिन्न प्रकोष्ठों को मिलने वाला विशेष भत्ता, सभी विभागों में जूनियर इंजीनियरों को मिलने वाला विशेष भत्ता, लोक निर्माण विभाग में दिया जाने वाला अनुसंधान भत्ते को खत्म कर दिया है.
इसके साथ ही सिंचाई विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाला अनुसंधान भत्ता और भविष्य निधि लेखों का रखरखाव करने वाले कर्मचारियों को मिलने वाले प्रोत्साहन भत्ते आदि को खत्म कर दिया है.
सरकार अपने इस कदम से कम से कम 1500 करोड़ रूपये सालाना बचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने 16 लाख कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी पर रोक लगाने का पिछले महीने फैसला किया था.
ये भी पढ़े.
MSME के लिए 6 बड़े कदमों का एलान हुआ, जानें वित्त मंत्री के भाषण की बड़ी बातें