नई दिल्लीः मिशन 2019 के लिए योगी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर जल्द काम शुरू करने का फ़ैसला किया है. अपनी सरकार के एक साल पूरा होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ इसका शिलान्यास करेंगे. 19 मार्च को इसके लिए एक बड़ा कार्यक्रम लखनऊ में करने की तैयारी है. सीएम ऑफ़िस के एक बड़े अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. 16 मार्च को विधानसभा में पेश किए गए बजट में इस एक्सप्रेसवे के लिए 1 हज़ार करोड रुपये दिए गए हैं.
पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर को भी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जायेगा. इसके लिए लिंक रोड बनाये जायेंगे. लखनऊ से ग़ाज़ीपुर तक 343 किलोमीटर का ये हाईवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा. जिस पर 14 हज़ार 200 करोड रुपये खर्च होने का अनुमान है. अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने 30 महीने का का डेडलाइन रखा है. यूपी के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेसवे बनाने के लिए 88 फीसदी ज़मीन का अधिग्रहण हो चुका है. वे बताते हैं कि अगले दो महीनों में ये काम पूरा हो जायेगा. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को लिंक रोड से अयोध्या से भी जोड़ा जायेगा. ये आयडिया योगी आदित्यनाथ का है.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बनाने के बारे में सबसे पहले मायावती ने सोचा था. तब हुआ था कि गंगा के किनारे किनारे ये सड़क बनेगी. लेकिन बहनजी का सपना तो सपना ही रहा. मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने इस पर काम शुरू किया. लेकिन उनका सारा फ़ोकस लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर रहा. पिछले साल उनकी सरकार भी चली गई. वैसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए किसानों से ज़मीन लेने का काम उनके समय में ही शुरू हो गया था. पहले इस पर 15 हज़ार करोड़ रुपये ख़र्च होने का अनुमान था. लेकिन योगी सरकार ने इसे 800 करोड़ रुपये कम ख़र्च कर बनाने का फ़ैसला किया है.
लखनऊ से बाराबंकी, सुल्तानपुर, फ़ैज़ाबाद, अंबेडकरनगर, मऊ होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे ग़ाज़ीपुर तक जायेगी. इस हाईवे को पूरा कर योगी सरकार चार साल बाद यूपी विधानसभा चुनाव में जीत का रास्ता बनाना चाहते हैं. अयोध्या और गोरखपुर से इसे जोड़ कर वे अपना घर और हिंदुत्व को भी मज़बूत करने की जुगाड़ में हैं. यूपी के पूर्वांचल का इलाका खराब सड़कों से बेहाल रहा है. एक्सप्रेसवे बन जाने से लोगों की ये शिकायत ख़त्म होगी.