योगी कैबिनेट में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ''निकाय चुनाव में हमने बीजेपी से सीटें मांगीं. नहीं दी गई. मैं अकेले लड़ा. वो चाहते हैं कि पार्टी (बीजपी) में शामिल हो जाएं. मैं पार्टी में नहीं जाऊंगा. चुनाव में एक बार भी नहीं पूछा गया. मंच पर पार्टी का नाम तक नहीं लिया जाता है.''
राज्यसभा चुनाव के लिए 23 मार्च को वोट डाले जाएंगे. ऐसे में ओम प्रकाश राजभर के बागी तेवर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकती है. बीजेपी ने 9 उम्मीदवार उतारे हैं. 8 उम्मीदवार के लिए बीजेपी के पास पर्याप्त वोट है. यूपी में एक राज्यसभा सीट के लिए 37 विधायकों के वोट की जरूरत होती है. बीजेपी के पास कुल 324 विधायक हैं यानी 8 सदस्यों के चुने जाने के बाद भी उसके पास 28 वोट ज्यादा होंगे.
राजभर ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''बीजेपी ने अनिल अग्रवाल को खड़ा किया. बीजेपी हमें कह सकती थी कि अनिल अग्रवाल को वोट देना है, आपके पास चार सीटे हैं. पर्चा भरने के समय भी बुलाया जा सकता था. हमने बीजेपी अध्यक्ष से बात करने की कोशिश की. लेकिन बात नहीं की.''
राज्यसभा चुनाव में अखिलेश यादव का साथ दिये जाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि हमने अखिलेश यादव से बात नहीं की. हम चुनाव में किसी को वोट नहीं करेंगे.
'बीजेपी पागल होकर घूम रही है'
ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ''हम एनडीए की सहयोगी हैं लेकिन बीजेपी गठबंधन धर्म नहीं निभा रही है. मैंने कई बार अपनी चिंता से अवगत कराया है. लेकिन ये लोग 325 सीटें लेकर पागल होकर घूम रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ''उत्तर प्रदेश सरकार का सारा ध्यान सिर्फ मंदिर पर है न कि गरीबों के कल्याण पर जिन्होंने वोट देकर सत्ता दी है. बातें बहुत होती हैं लेकिन जमीनी तौर पर बहुत कम काम हुआ है.''
वहीं बीजेपी नेता और योगी कैबिनेट में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक तौर पर बयान नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा, ''राजभर हमारे मंत्री और सहयोगी हैं, उन्हें अगर कोई दिक्कत है तो उन्हें कैबिनेट में उठाना चाहिए न की सार्वजनिक तौर पर. आप सरकार में रहकर इस तरह बुराई नहीं कर सकते हैं. आपको एक तरफ होना पड़ेगा.''