नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने छह महीने का कार्यकाल पूरा होने पर पिछली मुलायम सिंह, मायावती और अखिलेश सरकार के कार्यकाल पर 22 पेज का श्वेत पत्र जारी किया है. इस श्वेत पत्र में 25 प्रमुख विभागों के काम काज का ब्यौरा दिया गया है.


आज जारी श्वेत पत्र में दावा किया गया है कि योगी सरकार अखिलेश यादव के राज में यूपी लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच कराएगी. श्वेत पत्र के मुताबिक 31 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक आयोग से जो भी नौकरियां दी गयीं वे अब सीबीआई की जांच के दायरे में हैं.


दरअसल आरोप है कि एक खास जाति के लोगों को आयोग से नौकरी दी गयीं. अब योगी सरकार के श्वेत पत्र के मुताबिक समूह ग की जो भी भर्तियां अखिलेश सरकार में हुईं वो सभी अब विजिलेंस जांच के दायरे में हैं.


योगी सरकार के श्वेत पत्र और क्या है ?
स्वेत पत्र जारी करते हुए राज्य सरकार ने कहा कि यह महसूस किया गया कि पिछले 15 सालों के दौरान सत्ता में रही सरकारों के कार्यकाल में प्रदेश के सभी क्षेत्रों में कुव्यवस्था व्याप्त हो गई. जनसाधारण तथा जनमत के प्रति असधारण संवेदनहीनता का परिचय देते हुये असामाजिक तत्वों, भ्रष्टाचारियों को प्रश्रय दिया गया और एक के बाद एक घोटाले हुये. उन्हें श्वेत पत्र के माध्यम से जनता के समक्ष रखा जाय. श्वेत पत्र जारी करने के बाद अब सरकार कल अपनी 6 महीने की उपलब्धियां प्रदेश की जनता को बताएगी.