London Yogini Statue: 40 साल बाद लंदन से स्वदेश आएगी योगिनी की मूर्ति, चित्रकूट से हुई थी चोरी
London & Yogini Stolen Statue: देश में 40 साल बाद योगिनी (Yogini) की चोरी हुई मूर्ति वापस लाई जाएगी. यह 10 वीं शताब्दी की बलुवा पत्थर से बनी बेहद प्राचीन मूर्ति है. अभी यह मूर्ति लंदन में है.
Yogini Statue Repatriate From London: भारत से चुराई गई योगिनी (Yogini) की एक मूर्ति ( Statue) के स्वदेश (Repatriate) वापस लौटने के रास्ता साफ हो गया है. 10 वीं शताब्दी की बकरी के सिर वाली इस मूर्ति को लगभग 40 साल पहले चित्रकूट से चुराया गया था. इस मूर्ति को इस सप्ताह ही लंदन (London) से देश वापस लाया जा रहा है. यह बलुवा पत्थर से निर्मित है और अपने आप में अनोखी है.
जल्द योगिनी की मूर्ति होगी एएसआई के पास
लंदन से योगिनी की इस मूर्ति के आने वाले तीन-चार दिनों में ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण -एएसआइ ( Archaeological Survey of India-ASI) के पास आने की उम्मीद जताई जा रही है. गौरतलब है कि लगभग 40 साल बाद इस मूर्ति के लंदन से वापस आने का रास्ता साफ हुआ है. करीब 6 महीने पहले इस मूर्ति को भारत लाने की कवायद शुरू हुई थी. इस मूर्ति के भारत वापस आने के बाद इसे राष्ट्रीय संग्राहलय (National Museum) नई दिल्ली को सौंपे जाने पर विचार हो रहा है.
Flash: 10th Century stone idol that had been illegally removed from a temple in Lokhari, Banda, Uttar Pradesh being returned to India from UK, announces Indian High commission @HCI_London pic.twitter.com/iQXc5fo4gX
— Sidhant Sibal (@sidhant) January 14, 2022
इससे पहले भी भारत से चुराई गई कई मूर्तियां विदेशों से वापस लाई गई हैं. दो साल पहले ही राम, सीता, लक्ष्मण की मूर्तियां वापस लाकर तमिलनाडु सरकार के सुपूर्द की गई थीं. एएसआइ (ASI) के एक अधिकारी के मुताबिक मूर्ति को कहां रखा जाए इस पर संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) ही निर्णय ले सकता है. फिलवक्त इसे राष्ट्रीय संग्राहलय में रखने पर विचार हो रहा है. जहां तक इस पुरानी मूर्ति को देश वापस लाने की औपचारिकताओं की बात है तो ब्रिटेन ( Britain) में भारतीय उच्चायोग (High Commission Of India) में इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
कब हुई थी चोरी ये मूर्ति
यह मूर्ति उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा जिले के लोखरी (Lokhari ) गांव से लगभग 1978 और 1982 के बीच गायब हुई थी. बलुवा पत्थर से बनी ये मूर्ति लोखरी गांव के कालिका मंदिर (Kalika Temple) में स्थापित थी. ये मूर्ति लोखरी गांव के कालिका मंदिर में स्थापित थी. मूर्ति योगिनी की आकृतियों के एक बड़े संग्रह का हिस्सा है. जिस गांव से ये मूर्ति चोरी हुई थी वो लौरी ग्राम पंचायत का गांव है और अब ये चित्रकूट (Chitrakoot) जिले के तहत आता है.गौरतलब है कि साल 2021 अक्टूबर में मूर्ति के लंदन में होने का पता चला था.
इसके बाद ही भारतीय उच्चायोग इंग्लिश कंट्री गार्डेन (English Country Garden) से योगिनी की इस मूर्ति को वापस लाने के लिए सक्रिय हो गया था. मूर्ति को वापस लाने के लिए भारत स्वाभिमान प्रोजेक्ट (India Pride Project -IPP)का सहारा लिया गया. इसके बाद ही लंदन ने भी इसे वापस भेजने की प्रक्रिया में तेजी दिखाई.
कैसे मिली ये मूर्ति
गौरतलब है कि जब लंदन में एक महिला अपने पति के मौत के बाद अपने घर की चीजें बेच रही थी उस वक्त आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल (Art Recovery International) के फाउंडर क्रिस्टोफर मारिनेलो (Christopher A. Marinello) ने यह मूर्ति वहां देखी थी. मारिनेलो ने तुरंत गैर-लाभकारी संस्था इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के को फाउंडर विजय कुमार से संपर्क साधा. विजय कुमार भारत से चुराई गईं सांस्कृतिक वस्तुओं को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं. उसके बाद ही भारतीय उच्चायोग को इसके संबंध में जानकारी मिल पाई.
कालिका मंदिर में थी 64 मूर्तियां थीं
इतिहासकार शिव प्रेम याज्ञिक के मुताबिक लोखरी में चंदेल राजाओं के पुराने किले में 64 योगिनी की मूर्तियां रही होंगी. लेकिन मौजूदा वक्त में यहां केवल आधा दर्जन ही खंडित मूर्तियां बची हैं. गौरतलब है कि कालिका मंदिर एक नहीं बल्कि तीन मूर्तियां चोरी हुई थीं. लोखरी गांव के बुजुर्गों के मुताबिक तीन मूर्तियां चोरी हुई थीं. उनका कहना है कि बाद में एक मूर्ति मिल गई थी.
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