Pawan Khera On PM Modi: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक बार फिर से पीएम मोदी पर हमला किया है. पवन खेड़ा ने रविवार (12 मार्च) को कहा, "आपने अपने पूर्ववर्तियों की आलोचना करते हुए 9 साल बिताए हैं. जब आप कहते हैं कि पिछले 70 वर्षों में कोई काम नहीं किया गया है, तो आप तीन पीढ़ियों का अपमान करते हैं. संसद में आप अपना खुद का बिगुल बजाते हैं और कहते हैं कि एक अकेला सब पर भारी. तब दुनिया आपको देखती है." खेड़ा ने यह बातें राहुल गांधी पर पीएम मोदी की टिप्पणी के जवाब में कहीं.
दरअसल, कर्नाटक में पीएम मोदी ने रविवार (12 मार्च) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. पीएम ने लंदन में राहुल गांधी के उस बयान पर भी निशाना साधा जिसमें उन्होंने भारत के लोकतंत्र पर हमले की बात कही थी. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, "भारत न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि लोकतंत्र की जननी है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लंदन में भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाए गए."
राहुल की बातों का समर्थन किया
कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी की इसी टिप्पणी पर पलटवार किया है. खेड़ा ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा, "जब आपने विदेशी मीडिया पर छापा मारने का आदेश दिया, तो आपको देश की छवि की चिंता नहीं थी. जब आप दक्षिण कोरिया गए और कहा कि भारत में जन्म लेना दुर्भाग्य माना जाता है, तो आपने भारत की छवि के बारे में नहीं सोचा" राहुल गांधी की बातों को समर्थन करते हुए खेड़ा ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री जी, आप लोकतंत्र पर हमला करते हैं, इसलिए इस पर बहस होती है."
'आप पीएम हैं, भगवान नहीं'
मोदी पर वार करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "आपको अपने बारे में कुछ गलतफहमियां हैं. आप सिर्फ प्रधानमंत्री हैं, भगवान नहीं हैं. आप निर्माता नहीं हैं, आप सूरज नहीं उगाते. आपकी नीतियों की आलोचना देश की आलोचना करने के बराबर कब हो गई? अपने बारे में इन गलतफहमियों को दूर करें." उन्होंने आगे कहा, "अगर कैंब्रिज के छात्रों के सामने भारतीय लोकतंत्र की चुनौतियों पर चर्चा होती है, तो यह लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रयास है."
कर्नाटक में क्या बोले पीएम मोदी?
वहीं कर्नाटक में राहुल गांधी पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, "ये मेरा सौभाग्य रहा कि कुछ साल पहले मुझे लंदन में भगवान बसवेश्वर की प्रतिमा के लोकर्पण का अवसर मिला, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि लंदन में ही भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाने का काम किया गया." उन्होंने आगे कहा, "भारत के लोकतंत्र की जड़ें, हमारे सदियों के इतिहास से सींची गई हैं. दुनिया की कोई ताकत भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकती."