कोलकाता: पश्चिम बंगाल के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. दिलीप घोष ने कहा है कि औरतों का 'अशोभनीय' काम करना दुखदायी है. घोष के मुताबिक  टैगोर के गीतों का तोड़ मरोड़ कर वीडियो बनाना, ड्रग्स का सेवन कर विरोध प्रदर्शन करना और भड़काऊ नारे लगाना, ये सब 'अशोभनीय' काम हैं. उनके बयान को टीएमसी ने प्रदेश की महिलाओं का अपमान बताया है.


बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के फिर बिगड़े बोल


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष कोलकाता के गोल्फ ग्रीन इलाके में स्थानीय लोगों के साथ चाय पर चर्चा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, "चिंता की बात है कि कैसे कुछ महिला अपने आत्म सम्मान के प्रति लापरवाह हो रही हैं. उन्हें अपनी गरिमा, सभ्यता, संस्कार की जरा भी परवाह नहीं है. वीडियो में उन्हें 'अशोभनीय' काम करते हुए देखा जा सकता है. मैं किसी को आरोप नहीं दे रहा हूं बल्कि ये समाज का पतन है. कुछ दिनों तक धरना प्रदर्शन होता है और महिलाओं को भड़काऊ नारे लगाने के लिए बैठा दिया जाता है. हमें सोचना चाहिए कि समाज कहां जा रहा है."


दिलीप घोष यहीं नहीं रुके. उन्होंने अंदेशा जाहिर किया कि अगर इसी तरह उनका रवैया रहा तो महिलाएं हिंसा का शिकार हो सकती हैं. इसलिए अभिभावकों, कॉलेज-स्कूल पदाधिकारियों और शिक्षा मंत्री को समाज के पतन पर विचार करना चाहिए.


वहीं उनके बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देने के लिए ममता बनर्जी की पार्टी के वरिष्ठ नेता ने मोर्चा संभाला. शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने दिलीप घोष के बयान को असभ्य और बर्बर बताया है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि दिलीप घोष ने महिला दिवस पर राज्य की महिलाओं का अपमान किया है. दिलीप घोष ने पहले भी शाहीन बाग में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों पर विवावित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि शाहीन बाग में विदेशी फंड से बिरयानी खिलाई जा रही है. जहां सिर्फ अशिक्षित महिला-पुरुष प्रदर्शन कर रहे हैं.


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