नई दिल्लीः कांग्रेस पार्टी में नेताओं के इस्तीफे की झड़ी लगी हुई है. बताया जा रहा है कि ऐसा राहुल गांधी के उस बयान के बाद से हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनको इस बात का दुख है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने अपने इस्तीफे का एलान किया, लेकिन उसके बाद भी किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की ज़िम्मेदारी लेकर इस्तीफ़ा नहीं दिया.


हालांकि अब इसको लेकर यूथ कांग्रेस का आधिकारिक बयान सामने आया है. यूथ कांग्रेस ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हवाले से फर्जी खबरें चल रही हैं. राहुल गांधी ने बड़े नेताओं के इस्तीफा नहीं देने से दुख होने वाला बयान कभी दिया ही नहीं था. राहुल गांधी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में छपा बयान गलत है. यूथ कांग्रेस ने ये भी कहा है कि राहुल गांधी पर फर्जी खबरों के चलने से दुख है और वो इसकी निंदा करते हैं.





दरअसल ये खबर आई थी कि बुधवार को यूथ कांग्रेस की बैठक में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं से राहुल गांधी ने कहा था कि 'उन्हें इस बात का दुख है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने अपने इस्तीफे का एलान किया, लेकिन उसके बाद भी किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की ज़िम्मेदारी लेकर इस्तीफ़ा नहीं दिया.' इसके बाद से ही कांग्रेस में इस्तीफों का अंबार लग गया. अब तक करीब 150 नेता अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं जिनमें उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राबजीत सिंह जूदेव, मोना मिश्रा और डॉ आर पी त्रिपाठी, महामंत्री हनुमान त्रिपाठी, विनोद मिश्रा और सिद्धार्थ श्रीवास्तव के नाम शामिल हैं. इसके अलावा प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने भी इस्तीफा दे दिया है.


यूथ कांग्रेस ने इस्तीफे के विरोध में किया था प्रदर्शन
बुधवार को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी के घर के सामने इकट्ठे हुए थे. कार्यकर्ताओं की मांग थी कि राहुल गांधी इस्तीफ़ा ना दें और कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहे. राहुल गांधी के समर्थन में उनके घर के बाहर जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बैठे तो राहुल ने सभी को अपने घर पर आमंत्रित किया और उनसे अपने मन की बात की थी.