Delhi: केजरीवाल सरकार के यूथ फॉर एजुकेशन प्रोग्राम से युवाओं को मिलेगी बेहतर गाइडेंस
यूथ फॉर एजुकेशन प्रोग्राम के माध्यम से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को युवा पीढ़ी से बेहतर गाइडेंस और कॉउंसलिंग मिलेगी. 20-30 आयुवर्ग का हर पढ़ा लिखा युवा स्कूली छात्रों को गाइडेंस दे सकता है.
दिल्ली की केजरीवाल सरकार की ओर से दो अहम एजुकेशन प्रोजेक्ट यूथ फॉर एजुकेशन और पैरेंटल इंगेजमेंट प्रोग्राम शुरू किए गए हैं. इस यूथ फॉर एजुकेशन प्रोग्राम से युवाओं को बेहतर गाइडेंस मिलेगी. पढ़े-लिखे युवा स्कूली छात्रों को करियर बनाने में मदद मिलेगी. आइए जानते हैं यहां कुछ खास बातें..
विदेशों की तरह दिल्ली में छात्रों की वन टू वन मैपिंग की जाएगी
विदेशों में वन-टू-वन मैपिंग का अभ्यास किया जाता है. हर एक बच्चे की वन-टू-वन मैपिंग और उनके व्यक्तिगत प्रोफाइल को समझना बेहद जरूरी है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 16 लाख बच्चों की वन-टू-वन मैपिंग करना बड़ी चुनौती है. केजरीवाल सरकार ने इस चुनौती को एक अवसर में बदल दिया है. यूथ फॉर एजुकेशन प्रोग्राम और पैरेंट आउटरीच प्रोग्राम का उद्देश्य बच्चों की वन-टू-वन मैपिंग करने और समुदाय को स्कूल से जोड़ने का है.
पायलट फेज में 650 मेंटर्स जोड़े
यूथ फॉर एजुकेशन प्रोग्राम के माध्यम से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को युवा पीढ़ी से बेहतर गाइडेंस और कॉउंसलिंग मिलेगी. 20-30 आयुवर्ग का हर पढ़ा लिखा युवा स्कूली छात्रों को गाइडेंस दे सकता है. उनके करियर को बेहतर बनाने में उनकी मदद कर सकता है. यूथ फॉर एजुकेशन के पायलट फेज में 650 मेंटर्स को जोड़ा है जिन्होंने 4000 बच्चों को गाइडेंस दी.
46 स्कूलों में संचालित किया गया
यूथ फॉर एजुकेशन प्रोग्राम एक वॉलिंटियरिंग प्रोग्राम है. जिसमें 20 से 30 साल के पढ़े लिखे युवा गाइडेंस दे सकते हैं और उन्हें अपने करियर के बारे में मार्गदर्शन दे सकते हैं. वर्तमान में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के 46 स्कूलों में संचालित किया गया है. दिल्ली सरकार का लक्ष्य इस कार्यक्रम में 2 लाख से अधिक मेंटर्स को जोड़ने का है जो 9वीं से 12वीं में पढ़ने वाले 5.5 लाख बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे.