उत्तर प्रदेश में ईमानदारी का 'अपवाद नमूना' देखनो को मिला है. कारोबारी अजय गुप्ता को 90 हजार के नोटों का बंडल वापस मिला, तो उनकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा. बुधवार को लखीमपुर खीरी जिले में 22 वर्षीय युवक कपड़ों को आयरन करने के लिए अपनी दुकान लाया था. इस दौरान कपड़ों के ढेर में उसे अखबार में लिपटे हुए नोटों का बंडल मिला. मगर उसने उसे गिनने की भी परवाह नहीं की और मालिक के आने का धैर्यपूर्वक इंतजार किया. इधर, जब 42 वर्षीय गुप्ता ने कई जगह तलाश किया और फिर एक बार सोनू कन्नौजिया के बारे में सोचा.
ईमानदारी की अद्भुत मिसाल पर मिला सम्मान
अपनी स्कूटर पर जब गुप्ता उसकी दुकान पर पहुंचे, तो उन्होंने कन्नौजिया को इंतजार करते पाया. उन्होंने कहा, "सच में मैंने सोच लिया था कि अब पैसा मिलनेवाला नहीं है क्योंकि ये साबित करने का कोई रास्ता नहीं था कि बैग में पैसा मेरा है. लेकिन कन्नौजिया ने अपवाद ईमानदारी का प्रदर्शन करते हुए मेरी रकम लौटा दी और सबसे बड़ी बात एक सिंगल नोट भी लापता नहीं था. कन्नौजिया ने बताया कि उसके पास उसका नंबर नहीं था. इसलिए रकम के बारे में सूचना नहीं दे सका."
युवक ने लौटाया 90 हजार के नोटों का बंडल
उसकी ईमानदारी से खुश होकर अजय गुप्ता ने सोनू को 11 हजार नकदी और नए कपड़ों समेत मिठाइयां तोहफे में दी. पढ़ाई छोड़ चुके सोनू कन्नौजिया ने बताया, "लॉकडाउन के दौरान जब उसका काम प्रभावित हुआ था, तो लखीमपुर खीरी में स्थानीय लोगों ने उसकी मदद की. यहां लोगों ने सम्मान दिया. हम पैसे के बदले सम्मान नहीं खो सकते. भगवान मेरी परीक्षा लेना चाहता था, लेकिन मैं नहीं डगमगाया." गुम होए नोटों के बारे में अजय गुप्ता ने बताया कि उसे रकम दूसरे कारोबारी को देनी थी.
अखबार में बंडल को लपेटने के बाद उन्होंने आयरन के लिए कपड़ों के बैग में रख दिया था. घर से निकलने की तैयारी कर रहे थे, इसी दौरान उनके दोस्त ने किसी दोस्त की मौत की जानकारी दी. अंतिम संस्कार के लिए घर छोड़ते वक्त उन्होंने कन्नौजिया को नोटोों के बंडल के साथ कपड़ों का बैग थमा दिया था. बाद में उन्हें गलती का एहसास हुआ. स्थानीय कारोबारियों ने कन्नौजिया की ईमानदारी पर अलग से सम्मानित करने का फैसला किया है. उन्होंने 90 हजार की रकम वापसी को दुर्लभ घटना बताया.
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