मोदी सरकार से दमन और दीव की तरह जम्मू-कश्मीर का विकास चाहते हैं युवा
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी के युवाओं को इस केंद्रशासित प्रदेश के विकास की रफ्तार तेज होने की आस जगी है.
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल का सबसे एतिहासिक फैसला जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर उसे एक केंद्र शासित प्रदेस में बदलने का रहा है. अब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी के युवाओं को इस केंद्रशासित प्रदेश के विकास की रफ्तार तेज होने की आस जगी है. उन्हें उम्मीद है कि जिस तरह से मोदी सरकार केंद्रशासित प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमन और दीव में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास कर रही है, उसी तरह से घाटी के विकास को भी पंख लगें.
दरअसल धारा 370 हटने के बाद अनंतनाग और श्रीनगर के दो युवा केंद्रशासित प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमन और दीव के साथ व्यापार करते थे. बिजनेस के दौरान इन युवाओं के चार करोड़ रुपये कंपनी में फंस गए. उनको अपने पैसों के लिए दमन आना था लेकिन उनके मन में शंका थी कि दमन के लोग कैसे होंगे. इन युवाओं को यह भी शंका था कि दमन में प्रशासन का क्या रवैया रहेगा.
दमन आने के बाद जम्मू-कश्मीर के युवा सोहिल नवाज की सोच बिल्कुल बदल गई. उन्होंने कहा,'' मैं सोहिल नवाज हूं. मैं कश्मीर से दमन आया. हमारा दमन में काफी समय से बिजनेस चल रहा है. हमारा बिजनेस राधा माधव लिमिटेड कॉरपरेशन के साथ व्यापार चल रहा था. काफी अरसे तक बिजनेस चलने के बाद कुछ मतभेद हुए, फिर हमने सोचा कि हम दमन जाकर ही बातकर के मतभेद खत्म करने की कोशिश करते हैं. हालांकि जब वहां से निकले तो यही सोच रहे थे कि यहां के लोग कैसे होंगे और यहां की प्रशासन हमारी कितनी मदद करेगी.''
सोहिल ने आगे कहा,'' जब हम यहां आए तो प्रशासन ने हमारी खूब मदद की. यहां के एडमिनिस्ट्रेटर प्रफुल पटेल जी के पास जब हम गए तो हमें ये नहीं लगा कि हम किसी एडमिनिस्ट्रेटर से बात कर रहे हैं. हमें लगा हम किसी अच्छे इंसान से बात कर रहे हैं. यहां का रोड और इनफ्रास्ट्रक्चर काफी डेवलप है.''
उन्होंने ने कहा,'' हमारा 90 प्रतिशत मतभेद जो था वो खत्म हो गया और जिस तरह का यहां के प्रशासन का सहयोग है बाकी 10 प्रतिशत भी जल्द हो जाएगा. मैं प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यावाद करता हूं कि वह ऐसी सरकार यहां चला रहे हैं. अब तो हमारा जम्मू-कश्मीर भी केंद्र शासित प्रदेश बन गया तो मैं आशा करता हूं कि ऐसी डेवलेपमेंट हमें अपनी जम्मू-कश्मीर में भी देखने को मिले.''