YSR Congress MLA AR Reddy Resign: वाईएसआर कांग्रेस के विधायक अल्ला रामकृष्ण रेड्डी ने सोमवार (11 दिंसबर) को विधानसभा और पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया. वह आंध्र प्रदेश की मंगलागिरी सीट से विधायक थे. उन्होंने कहा कि वह वर्तमान राजनीति में फिट नहीं बैठते हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष तम्मीनेनी सीताराम को लिखे एक लाइन के पत्र में रेड्डी ने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से विधानसभा से इस्तीफा दे रहे हैं. रेड्डी ने पार्टी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी को भी धन्यवाद दिया.
चंद्रबाबू नायडू के खिलास दर्ज कराया था केस
उन्होंने अमरावती इनर रिंग रोड और भूमि घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वाईएसआर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने 2014 और 2019 में वाईएसआर कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए थे.
'मौजूदा राजनीति में फिट नहीं'
अल्ला रामकृष्ण रेड्डी ने कहा, "मुझे लगता है कि मैं वर्तमान राजनीति के लिए उपयुक्त नहीं हूं. मैं बाद में अधिक जानकारी दूंगा.'' उन्होंने कहा कि वह 1995 से राजनीति में हैं और उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें 2004 और 2009 में राज्य चुनाव लड़ने के लिए टिकट देगी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया था.
चुनाव में नारा लोकेश को दी थी मात
मंगलागिरी ने बताया, "राजशेखर रेड्डी की मृत्यु के बाद मैं 2011 में वाईएसआरसीपी में शामिल हो गया और तब से पार्टी के संस्थापक, अध्यक्ष और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के साथ जुड़ा हुआ हूं." 2019 में रेड्डी ने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश को 5,000 से अधिक वोटों से हराया था.
वहीं, इस संबंध में वाईएसआरसी नेता कंद्रू कमला ने कहा कि रेड्डी ने इस्तीफा देने का फैसला एक व्यक्तिगत रूप से किया था. पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है. वह पार्टी के एक भरोसेमंद नेता थे. अगर उनको कोई समस्या थी तो उन्हें मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए थी. उनके अचानक इस्तीफा देने से निश्चित रूप से निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी की संभावनाओं पर असर पड़ेगा.
यह भी पढ़ें- मोहन यादव बनाए गए मध्य प्रदेश के नए सीएम, जानें इनके बारे में 5 बड़ी बातें