Andhra Pradesh: जो कहा सो किया, पवन कल्याण की जीत के साथ हार गए शर्त और बदल लिया नाम, जानिए क्या है माजरा?
Andhra Pradesh: नाम बदलने के बाद वाईएसआरसीपी नेता ने कहा कि उन्होंने अपनी इच्छा से ऐसा किया है. विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पवन कल्याण को हराने की चुनौती दी थी.
Andhra Pradesh: वैसे तो राजनीति में अक्सर कई नेता बयान देकर फिर उससे पलट जाते हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश के एक नेता ने विधानसभा चुनाव के समय अजीबोगरीब शर्त लगाई थी और वे अभी तक इस पर कायम हैं. दक्षिण के राज्य आंध्र प्रदेश में विधानसभा का चुनाव हो गया और नई सरकार के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण भी हो चुका है.
YSRCP नेता ने पवन कल्याण को दिया था चैलेंज
नई सरकार में पवन कल्याण उप मुख्यमंत्री बने हैं. चुनाव के समय वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता मुद्रगदा पदमनाभम ने पवन कल्याण को हराने की चुनौती दी थी और अगर अगर वह ऐसा नहीं कर पाए तो अपना नाम बदलने की बात कही थी.
आधिकारिक रूप से बदला नाम
अब पवन कल्याण के चुनाव जीतने के बाद मुद्रगदा पदमनाभम ने आधिकारिक रूप से अपना नाम बदलकर पदमनाभा रेड्डी कर लिया है. पीथापुरम विधानसभा क्षेत्र में जनसेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण की जीत के बाद 70 वर्षीय वाईएसआरसीपी नेता ने अपना नाम बदल लिया.
पदमनाभा रेड्डी (नया नाम) ने कहा, ''किसी ने मुझे अपना नाम बदलने के लिए मजबूर नहीं किया. मैंने अपनी इच्छा से इसे बदला है.'' हालांकि उन्होंने जनसेना प्रमुख के प्रशंसकों की ओर से उनसे कथित तौर पर दुर्व्यवहार किये जाने की शिकायत की.
नाम बदलने के बाद क्या बोले वाईएसआरसीपी नेता?
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक दमनाभा रेड्डी ने कहा, ''जो युवा आपसे (पवन कल्याण से) प्यार करते हैं, वे लगातार मुझे अपशब्द कह रहे हैं. मेरे हिसाब से यह सही नहीं है. गाली देने के बजाय एक काम करो...हमें (परिवार के सभी सदस्यों को) खत्म कर दो.'' कापू समुदाय के एक प्रमुख नेता और सरकार में पूर्व मंत्री रेड्डी ने कापू आरक्षण के लिए अभियान चलाया है. चुनाव से कुछ महीने पहले ही रेड्डी वाईएसआरसीपी में शामिल हुए थे.
आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में टीडीपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. राज्य की 175 विधानसभा सीटों में से टीडीपी ने 135 सीटों पर, जनसेना पार्टी ने 21, वाईएसआरसीपी ने 11 और बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की.
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