YS Sharmila Vs KCR: वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSRTP) प्रमुख वाईएस शर्मिला (YS Sharmila) को कथित तौर पर जबरन अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वह कथित तौर पर तेलंगाना में उनकी पदयात्रा रोके जाने पर भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर बैठी थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार-रविवार (10-11 दिसंबर) की दरिमियानी रात भूख हड़ताल के कारण शर्मिला की तबीयत बिगड़ गई, इस वजह से धरना स्थल से उन्हें अस्पताल ले जाया गया. वाईएसआरटीपी ने एक बयान में कहा, ''उन्हें (शर्मिला) रात के करीब एक बजे जबरन अस्पताल ले जाया गया.


आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला तेलंगाना में पार्टी कार्यालय पर शुक्रवार (9 दिसंबर) को अनिश्चितकालीन भूड़ हड़ताल पर बैठ गई थीं. उनकी हालत बिगड़ने पर डॉक्टर धरना स्थल पर पहुंचे और बताया कि वह गंभीर डिहाइड्रेशन से गुजर रही हैं. कथित तौर पर शर्मिला ने करीब 30 घंटे तक पानी नहीं पिया, जिसकी वजह से उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ने लगा.


क्या हुआ है वाईएस शर्मिला को?


तबीयत की निगरानी करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि शर्मिला का ब्लर प्रेशर और ग्लूकोज लेवल खतरनाक स्तर तक गिर गया था. डिहाइड्रेशन बारे में बताते हुए डॉक्टरों ने कहा कि इससे इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है, जिससे गुर्दे को खतरा हो सकता है.




वाईएसआरटीपी प्रमुख शर्मिला की सेहत को लेकर अपोलो अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ''वाईएस शर्मिला को डिहाइड्रेशन और ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन हुआ था. उनमें गंभीर ओलिगुरिया, हाई एनियन गैप मेटाबॉलिक एसिडोसिस और प्री-रीनल एजोटेमिया भी पाया गया. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है, उन्हें आराम है और आज या कल सुबह अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है. पूरी तरह से ठीक होने के लिए उन्हें 2-3 हफ्ते के लिए पूरा आराम करने की सलाह दी जाती है.''


केसीआर सरकार पर शर्मिला ने लगाए ये आरोप


मामले को लेकर वाईएस शर्मिला ने मीडिया से कहा, ''कोर्ट ने शुरू में हमें पदयात्रा करने की अनुमति दी थी. यह हमारे पास मूल अनुमति के अलावा है. इस सबके बावजूद केसीआर सरकार ने हमें पदयात्रा करने की इजाजत नहीं दी. मेरी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को कल गिरफ्तार कर लिया गया.''


राज्य सरकार की ओर से पदयात्रा की अनुमति नहीं मिलने पर शर्मिला ने हैदराबाद में अंबेडकर की मूर्ति के पास विरोध प्रदर्शन और उपवास करने के लिए कथित तौर पर ज्ञापन सौंपा था. शर्मिला ने कहा, ''जहां पर मैं भूख हड़ताल पर बैठी थी, पुलिस ने विरोध प्रदर्शन वाली जगह पर कर्फ्यू लगा दिया. पुलिस ने सड़क के भी किनारों पर चेकपोस्ट बनाया हुआ था. जो भी वहां आया, पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.''


'पदयात्रा के मेर अधिकार को काबू कर रहे केसीआर'


केसीआर सरकार के कथित सलूक के बारे में पूछे जाने पर शर्मिला ने कहा, ''केसीआर ने तेलंगाना में उभरती हुई वाईएसआर पार्टी से भय खाना शुरू कर दिया है. वह अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं और पदयात्रा करने के मेरे अधिकार को काबू कर रहे हैं. वह मेरी भूख हड़ताल से भयभीत हैं.''


कोर्ट से जब अनुमति मिल चुकी है तो पुलिस पदयात्रा के लिए इजाजत क्यों नहीं दे रही है? यह पूछने पर शर्मिला ने कहा, ''कारण उन्हें (केसीआर सरकार) अच्छे से पता है. वे कानून और व्यवस्था की दुहाई दे रहे हैं. टीआरएस पार्टी के लोगों ने बस में आग लगा दी और हम पर हमला किया. उन्होंने मेरी गाड़ी को नष्ट कर दिया, कहर बरपाया और बाद में हम पर आरोप लगाए.'' बता दें कि नवंबर के एक नाटकीय घटनाक्रम में हैदराबाद पुलिस शर्मिला की कार को एक क्रेन के सहारे ले गई थी, जबकि वह उसी कार में बैठी हुई थीं. 


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