Z-Morh All Weather Tunnel: जेड मोड़ टनल के बनने से बदल जाएगी कश्मीर के सोनमर्ग में रहने वालों की ज़िंदगी, जानिए इसकी क्या है खासियत
Z-Morh All Weather Tunnel: सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी से श्रीनगर से सोनमर्ग और आगे लेह लद्दाख का रास्ता बर्फ के चलते चार से पांच महीने बंद हो जाता है.
Z-Morh All Weather Tunnel: एक टनल जिसे बदल जाएगी कश्मीर के सोनमर्ग में रहने वालों की जिंदगी. सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी के चलते कश्मीर के गांदरबल जिले में आने वाले सोनमर्ग श्रीनगर और बाकी देश से कट जाता है. चार से पांच महीने बर्फ के चलते यहां जनजीवन पूरी तरह रुक जाता है. वहीं सोनमर्ग के रास्ते आगे द्रास कारगिल और लेह लद्दाख जाने वाली सड़कें भी बंद हो जाती हैं. लेकिन जल्द हालात बदल जाएंगे क्योंकि इस इलाके को श्रीनगर और बाकी देश से जोड़े रखने के लिए खास रास्ता और टनल तैयार किया जा रहा है जो अगले साल बनकर तैयार हो जाएगी.
कश्मीर के गांदरबल जिले का सोनमर्ग इलाका कश्मीर के पहलगाम, गुलमर्ग जैसा ही खूबसूरत है. यहां पर भी ऊंची ऊंची सुंदर पहाड़ियां और खूबसूरत नजारे हैं. यहां पर भी बर्फ पड़ती है लेकिन फर्क इतना है की इस तरह बर्फबारी होती है की ये इलाका चार पांच महीने श्रीनगर और बाकी देश से कट जाता है. रास्ते बंद, यातायात नहीं, खाने पीने की चीजें भी बहुत मुश्किल से मिलती हैं. इस इलाके तक और यहां से आगे द्रास, कारगिल, लेह लद्दाख पहुंचना मुश्किल हो जाता है. इसको देखते हुए एक अलग रास्ता और ऑल वेदर टनल बनाई जा रही है, जिसे इस इलाके की कनेक्टिविटी साल के बारह महीने 365 दिन रहे.
सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी से श्रीनगर से सोनमर्ग और आगे लेह लद्दाख का रास्ता बर्फ के चलते चार से पांच महीने बंद हो जाता है. इस दिक्कत को दूर करने के लिए केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने बर्फबारी में भी देश से जोड़ने के लिए नए रास्ते बना रही है, जिसमे करीब 7 किलोमीटर लंबी टनल बना रही है. इसे सर्दियों में बर्फबारी के चलते सोनमर्ग संपर्क नहीं टूटेगा. राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने NH1 के साथ रास्ता तैयार कर रही है जिसे समय भी कम लगे और साल के 12 महीने इसका इस्तेमाल भी हो सके.
सोनमर्ग को साल के 12 महीने श्रीनगर से जोड़ने के लिए खास टनल तैयार की गई है जेड मोड़. करीब 7 किलोमीटर लंबी ये टनल ऑल वेदर होगी यानी सर्दी, बारिश हर मौसम में इसका इस्तेमाल यातायात के लिये किया जाएगा. टनल का काम तेजी से चल रहा है और टनल की खुदाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. टनल के समांतर में एस्केप टनल बन रही है जो इमरजेंसी स्तिथि में उपयोग होगा. इस एस्केप टनल में सिर्फ किसी आपातकाल स्तिथि में ही गाड़ियां निकलेंगी. टनल में वेंटिलेशन के लिए हॉरिजॉन्टल टनल बानी है, जोकि सुरंग के बीच में है और यहां से वेंटिलेशन को मेन्टेन किया जाएगा. टनल में खुदाई के बाद अब वॉटर प्रूफिंग और लाइनिंग का काम चल रहा है.
इस टनल से सोनमर्ग से कनेक्टिविटी रहेगी. वहीं पहाड़ों में बर्फबारी देखने जैसे जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग जाते है उसी तरह सोनमर्ग में भी आ सकेंगे. इस टनल के खुलने से साल के बारह महीने श्रीनगर से सोनमर्ग और आगे बालटाल तक रास्ता खुला रहेगा. इससे इलाके लोगों को सर्दियों में बर्फबारी में घर नहीं छोड़ना होगा.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है "इस सड़क के बन जाने से न सिर्फ इलाके में पर्यटन बढ़ेगा बल्कि सर्दियों में यहां के लोगों को अपना घर नहीं छोड़ना पड़ेगा. साथ ही सेना और अर्धसैनिक बल भी श्रीनगर से लेह लद्दाख या वहां से यहां आ जा सकेंगे. इस सड़क और टनल से इस पूरे इलाके का फायदा होगा"
इस टनल में हर अत्यधुनिक सुविधा होगी. टनल के अंदर इमरजेंसी के लिए एस्केप टनल है जो हर 750 मीटर के बाद है. वहीं सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरा मोनिटरिंग होगी. फायर अलार्म और SOS फोन की सुविधा होगी. ये टनल अगले साल जून तक पूरी तरह बनकर ऑपरेशनल होने की उम्मीद है.