नई दिल्ली: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम के एक फेसबुक पोस्ट पर विवाद शुरू हो गया है. जफरूल इस्लाम ने अपने फेसबुक पर लिखा कि जिस दिन मुसलमानों ने अरब देशों से अपने खिलाफ जुल्म की शिकायत कर दी, सैलाब आ जाएगा. बीजेपी की ओर से इस बयान का विरोध किया गया है. बीजेपी ने कहा है कि जफरूल इस्लाम देश की छवि खराब कर रहे हैं.


झूठ का सहारा लेकर जफरूल इस्लाम खान के पोस्ट पर जो लिखा गया वो उनके पद के दायित्वों पर सवाल खड़े करता है. जफरूल इस्लाम ने लिखा, ''भारतीय मुस्लिमों के साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद कुवैत. हिंदुत्व विचारधारा के लोग सोचते हैं कि कारोबारी हितों की वजह से अरब देश भारत के मुस्लिमों की सुरक्षा की चिंता नहीं करेंगे .वो भूल गए भारतीय मुस्लिमों का अरब और मुस्लिम देशों से कैसे रिश्ते हैं. जिस दिन मुसलमानों ने अरब देशों से अपने खिलाफ जुल्म की शिकायत कर दी, सैलाब आ जाएगा.'' बता दें कि यह पोस्ट 28 अप्रैल को लिखी गई है.



कुवैत को धन्यवाद देने और दुनिया में देश की गलत छवि पेश करने के लिए जफरूल इस्लाम ने जिस पोस्ट को आधार के तौर पर चुना वो झूठा और फर्जी है. पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर कुवैत के हवाले से से भारत में मुस्लिमों के साथ अत्याचार के झूठे दावे को लेकर ऐसे ही भ्रामक पोस्ट लिखे जा रहे हैं. भारत की धार्मिक बदनामी की एक मुहिम चलाई जा रही है.


Dr. alshoreka नाम के शख्स के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि कुवैत के मंत्रीपरिषद ने भारत में मुस्लिमों पर धार्मिक हमले की निंदा की है. लेकिनसच ये है कि कुवैत सरकार ने भारत को लेकर ना तो कोई ऐसा ट्वीट किया है और ना ही कोई बयान दिया है.


27 अप्रैल को ही विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ''भारत के लिए फैला जा रहे भ्रामक पोस्ट से कुवैत सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. कुवैत सरकार ने भरोसा दिलाया है कि वो भारत के साथ प्रगाढ़ दोस्ती चाहते हैं. भारत के आंतरिक मामलों में दखल पर कुवैत किसी के साथ नहीं है.''


इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा की आम थी कि कुवैत के शाही परिवार और सरकार के नाम पर झूठे पोस्ट किए जा रहे हैं. लेकिन जफरूल इस्लाम खान ने ना तो उस पर ध्यान दिया और ना ही नहीं 27 अप्रैल को बताई विदेश मंत्रालय की जानकारी की.


बीजेपी ने जफरूल इस्लाम के इस्तीफे की मांग की है. बीजेपी नेता शाजिया इल्मी ने कहा, ''दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख, ज़फ़रुल इस्लाम ने किसी भी सरकारी अधिकारी / डीएम / पुलिस / डॉक्टर / बीडीओ या सरकार के किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भेदभाव नहीं किया है. इस कट्टर व्यक्ति को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.''


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