यह किताब स्कूल ने ही छापी है. शहर में ही स्थित इस्लामिक मिशन स्कूल के मालिक डॉ. कोनेन कौसर ही पुस्तक 'इल्म-उन-नफे' के संकलनकर्ता भी हैं. दावा है कि इसे पढ़ने से बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़ता है. जाकिर नाइक को पढ़ाने पर अलीगढ के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को नोटिस देने और मान्यता समाप्त करने की बात कही है.
डॉ. जाकिर नाईक की पोल तब खुली थी जब बांग्लादेश में आतंकी हमला करने वाले दो आतंकियों ने जाकिर के विचारों से प्रभावित होने की बात कबूली. डॉ. नाईक 2016 में देश से भाग गया था. स्कूल प्रबंधक का कहना है कि दो साल पहले जब यह किताब छापी गई थी तब जाकिर नाईक पर कोई मामला नहीं था. अब नई पुस्तक जल्द ही छपकर आ जाएगी.
स्कूल ने डॉ जाकिर नाईक को बतौर हीरो पढाने पर अलीगढ के बीएसए का कहना है की हम उनको नोटिस भेज रहे है. डॉ जाकिर नाइक को बतौर हीरो पढ़ाया जा रहा है, जो देश विरोध गतिविधि में आती है. नोटिस देने के बाद मान्यता समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी.