इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने 24 साल पुरानी अपनी एक डिबेट पर बात करते हुए बताया कि नोबेल पुरस्कार विजेता विलियम कैंबेल उसको सबसे ज्यादा इंटेलीजेंट लगे. उसने हिंदुओं के धर्मगुरु श्री श्री रवि शंकर को लेकर भी बात की है. उसने कहा कि जब श्री श्री रविशंकर के साथ डिबेट हुई थी तब धर्मगुरु रविशंकर बहुत फेमस थे. वह इतने पॉपुलर थे कि उनके सतसंग में 2-3 लाख लोग आते थे.


एक यूट्यूब चैनल पर जाकिर नाइक से 2000 के दशक की उसकी डिबेट को लेकर सवाल पूछे गए. उससे पूछा गया कि उसको अपने कॉम्पटीटर में सबसे ज्यादा इंटेलीजेंट कौन लगता है. इसके जवाब में उसने कहा कि अब तक जितने लोगों से उसने डिबेट की उनमें सबसे ज्यादा पॉपुरलर श्री श्री रविशंकर थे. उसने कहा कि वह अकेले अपने मजमे में 2-3 लाख लोगों को गैदर कर सकते थे, इतनी उनकी पॉपुलैरिटी थी. उसने कहा, 'उस वक्त हिंदु धर्मगुरुओं में श्री श्री रविशंकर नंबर वन पर थे, अभी तो नीचे आ गए हैं. वो पॉपुलर थे, लेकिन सबसे इंटेलीजेंट नहीं.'


जाकिर नाइक ने सबसे इंटेलीजेंट कॉम्पटीटर में नोबेल पुरस्कार विजेता विलियम कैंबेल का नाम लिया. उसने कहा कि विलियम बहुत अच्छे नहीं स्पीकर थे, लेकिन डिबेट के लिए उन्होंने बहुत अच्छी रिसर्च की थी. उसने कहा कि कुरान एंड साइंस पर मौरिस बुकेल की सबसे फेमस किताब थी, द कुरान एंड मॉडर्न साइंस. उसका जवाब विलियम कैंबेल ने लिखा- द कुरान एंड बाइबल इन द लाइट ऑफ साइंस. उसने बताया कि डिबेट में विलियम कैंबेल ने जो बातें कुरान के बारे में कहीं वो साइंस की नॉलेज रखने वाला कोई शख्स मान लेता. उसने कहा कि उनकी किताब पर 7-8 सालों तक किसी ने जवाब नहीं दिया, लेकिन जब डिबेट में उसने जवाब दिया तो सऊदी अरब के एक डॉक्टर उससे काफी इंप्रेस हो गए. 


जाकिर नाइक ने बताया कि एक बार सऊदी अरब के रियाद में उसे एक सऊदी डॉक्टर मिला और उसने कहा कि वह नाइक से मिलने के लिए तरस रहा था. डॉक्टर ने उसकी विलियम कैंबेल के साथ डिबटे देखी और वह उसकी बातें सुनकर काफी खुश हुआ. जाकिर नाइक ने बताया, 'डॉक्टर बोला मेरा मिजाज ऐसा है कि मैं अहमद दीदात का फैन था, लेकिन दीदात का वीडियो-डिबेट एकसाथ मैं देख ही नहीं पाता था. आधे घंटे से ज्यादा मैं उसको देख नहीं सकता था. एक बार मैं अपने दोस्त के घर गया तो उसने आपकी कैंबेल के साथ डिबेट का वीडियो चलाया.'


जाकिर नाइक ने कहा कि डॉक्टर बोला कि पहले आधे घंटे में कैंबेल बात कर रहे थे और कुरान की खामियां बता रहे थे, जिस पर डॉक्टर को भी लगा कि मेडिकल किताब में उसने ये पढ़ा है ये मिस्टेक है. उसके बाद जब जाकिर नाइक आया तो उसको देखकर सऊदी डॉक्टर बोला कि कैंबेल कुरान में इतनी मिस्टेक निकाल रहा है. मेडिकल किताब में ये सब पढ़ा हुआ है और इसका जवाब देने के लिए ये कौन नौजवान है डॉ. जाकिर नाइक, ये बिका हुआ है. जाकिर नाइक ने बताया कि वह उस वक्त इतना फेमस नहीं था इसलिए डॉक्टर उसको जानता नहीं था, लेकिन फिर सऊदी डॉक्टर उसके जवाब सुनकर बहुत खुश हो गया.


जाकिर नाइक बोला, 'इसका मतलब ये है कि एक सऊदी मुसलमान डॉक्टर कह रहा है कि कैंबेल की बातों का जवाब मेरे पास नहीं है. आम मुसलमान तो इतना समझता नहीं है उसको कैंबेल की बातें बकवास लगेंगी क्योंकि हम तो मुसलमान हैं और कुरान में तो खता हो नहीं सकती ये तो हमारा ईमान है. लेकिन कैंबेल ने कुरान के बारे में जो तनकीद की, अक्सर जिसके पास साइंस की नॉलेज है वो इस तनकीद से सहमत होंगे, वो बात अलग है कि आपके पास डिबेट की स्किल हैं और इसका जवाब है. इसलिए 7-8 साल तक कोई मुसलमान इसके जवाब में नहीं आया.' 


जाकिर नाइक ने बताया कि विलियम कैंबेल की किताब में बाइबल को डिफेंड करने के अलावा उसने कुरान में तकरीबन 38 साइंटिफिक एरर निकाले और ये किताब बहुत मशूहर थी अमेरिका, कनाडा और वेस्टर्न कंट्री में. 7-8 साल तक किसी मुस्लिम ने उसका जवाब नहीं दिया तो यूएस और कनाडा से इसका जवाब देने के लिए जाकिर नाइक को इन्विटेशन आया. जाकिर नाइक ने कहा कि ये किताब 90 के दशक में लिखी गई थी और इन्विटेशन 1997 में आया.  1998 में कनाडा में डिबेट होने वाली थी, लेकिन वो 2000 के लिए पोसपोन हो गई. उसने कहा कि साल 2000 में शिकागो में डिबेट ऑर्गेनाइज हुई.


यह भी पढ़ें:-
तिरुपति लड्डू विवाद: HC पहुंची जगन की पार्टी, नायडू के आरोपों की जजों की कमेटी से जांच कराने की मांग