Supreme Court On Zakir Naik Petition: भगोड़े जाकिर नाइक ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है. 2013 में दाखिल इस याचिका में जाकिर ने भगवान गणेश के बारे अपने विवादित पोस्ट को लेकर देश भर में दर्ज मुकदमों में राहत मांगी थी. पिछले सप्ताह महाराष्ट्र सरकार ने जाकिर की याचिका पर सुनवाई का विरोध किया था. महाराष्ट्र सरकार की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि देश छोड़ कर भाग गए व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट से संवैधानिक संरक्षण मांगने का अधिकार नहीं है.


सुप्रीम कोर्ट ने बंद की जाकिर की सुनवाई


जाकिर नाइक के वकील ने कहा कि वह अलग-अलग हाई कोर्ट में याचिका दायर करना चाहता है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दे. सुप्रीम कोर्ट ने इसे रिकॉर्ड पर लेते हुए सुनवाई बंद कर दी.


पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय ओका, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और ऑगस्टिन मसीह की बेंच ने सॉलीसीटर जनरल से लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था. बेंच ने जाकिर के वकील से भी कहा कि वह अपने मुवक्किल (जाकिर नाइक) से निर्देश लेकर बताएं कि क्या वह याचिका वापस लेना चाहता है?


सॉलिसिटर जनरल सुनवाई पर जताई थी आपत्ति


पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था, "जाकिर नाइक को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है और याचिका पर उसके साइन भी नहीं हैं. ये याचिका स्वीकार ही नहीं की जानी चाहिए. कोई भगोड़ा एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका कैसे दायर कर सकता है." सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि अनुच्छेद 32 के तहत किसी को सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल का अधिकार है, लेकिन इसका इस्तेमाल देश छोड़ कर भागे व्यक्ति को करने नहीं दिया जाना चाहिए."


जाकिर ने साल 2012 में भगवान गणेश को लेकर फेसबुक पर विवादित पोस्ट किया था, जिसे लेकर 5 राज्यों- महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, ओडिशा और कर्नाटक में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.


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