Zatra to Reopen in Bengal: बंगाल में कहानी सुनाने की सबसे पुरानी लोक कला 'जात्रा' की एक बार फिर से शुरुआत हो गई है. कोविड प्रोटोकॉल के चलते इस पर रोक लगाई गई थी. कोविड नियमों में ढील देते हुए बंगाल में मुख्यमंत्री मानता बनर्जी की सरकार ने 50 प्रतिशत की श्रमता और सुरक्षा प्रोटोकॉल को बनाए रखते हुए हॉलों को फिर से खोलने की अनुमति दी है.
बंगाल में जात्रा अभिनेता देबदुति देबनाथ ने बताया कि, हम लोग इसके दोबारा शुरू होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. उन्होंने बताया, "पिछले दो वर्षों से, (जात्रा) उद्योग पूरी तरह से बंद था. हम कलाकारों के लिए, रचनात्मकता ही सब कुछ है. हमें इसके चलते काफी नुकसान हुआ है जिसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है." साथ ही उन्होंने बताया कि, "पिछले दो सालों में जात्रा उद्योग की सुस्ती ने इसके पेशेवर कलाकारों को रोजी रोटी के लिए अन्य कार्य क्षेत्रों को चुनने के लिए मजबूर किया है."
बता दें कि, जात्रा प्रदर्शनकारी कहानी कहने के सबसे पुरानी लोक कलाओं में से एक है. लोगों के बीच रंगमंच और सिनेमा के बढ़ते चलन और लोकप्रियता के बावजूद भी जात्रा खुद को संरक्षित रखने में कामयाब रहा है. हालांकि पिछले कुछ सालों में इसको बनाए रखने और इसके संरक्षण में कमी देखी गई है.
कोविड प्रोटोकॉल के पालन करने की होगी चुनौती
हालांकि जात्रा उद्योग के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोविड प्रोटोकॉल का सही से पालन करना होगा. देबदुति देबनाथ ने उम्मीद जताई कि, साफ सफाई, मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल से कोविड प्रोटोकॉल को बनाए रखा जा सकता है. कास्ट शेड्यूल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ''हम सुबह से 8-9 घंटे कार से सफर करते हैं और रात में 4 घंटे का शो होता है. और क्या करना है, ये करना ही होगा.''
जात्रा उद्योग जगत ने किया स्वागत
जात्रा को फिर से खोलने के ममता सरकार के फैसले का उद्योग जगत ने स्वागत किया है. टीएमसी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कमरहाटी से विधायक मदन मित्रा ने उद्योग को सामान्य स्थिति में लौटने के लिए हरी झंडी दिखाए जाने के बाद जात्रा उद्योग का दौरा किया था. मित्रा की यात्रा के बारे में बोलते हुए, देबनाथ ने कहा, "हमारा समर्थन करने के लिए मैं उनका आभारी हूं. हमारे मनोबल को बढ़ाने के लिए उनकी आज की यात्रा ने हमें बहुत प्रोत्साहित किया है."
अपने भविष्य को लेकर हैं अनजान
जात्रा टीमों शुभलोकखी ओपेरा और नागमाता जात्रा संस्था के निर्माताओं में से एक अशोक दास ने कहा, "मैंने इस उद्योग में 40 वर्षों तक काम किया है. हमारे पास एक बड़े जात्रा परिवार के हिस्से के रूप में हमारे साथ काम करने वाले बहुत से लोग हैं. फिर भी हम सभी अपने भविष्य को लेकर अनजान हैं." साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि, "बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के जात्रा को फिर से खोलने के फैसले के बाद, सही समय पर जल्द ही अपने शो की शुरूआत करेंगे."
जात्रा बंगाल की संस्कृति- टीएमसी विधायक मदन मित्रा
टीएमसी विधायक मदन मित्रा ने कहा, "ये बंगाल की संस्कृति है कि जात्रा को आगे बढ़ाया जाए. बंगाल के दूरदराज के गांवों में, हमारी मां और बहनें इसके फिर से शुरू होने का इंतजार कर रही हैं. लेकिन इससे पहले, सभी को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा."
उन्होंने यह भी कहा कि जिस उद्घाटन प्रदर्शन के साथ उद्योग फिर से शुरू हो रहा है, उसे "दुआर पे दुर्गा" कहा जाता है. एक सरकारी नीति के नाम पर, मित्रा ने यह भी कहा कि ये "बंगाल की 500 वर्षों की परंपरा के लिए बहुत खुशी की बात है" और कुछ ऐसा है जिसे भाजपा अपनी 'गोली मारो, गोली मारो' संस्कृति के साथ "समझ नहीं पाएगी".
यह भी पढ़ें
आज रोम के लिए रवाना होंगे स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, G20 देशों की बैठक में होंगे शामिल