Zika Virus Cases: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामलों के मद्देनजर राज्यों को एडवाइजरी जारी की है. जीका वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार का स्वास्थ्य विभाग सजग हो गया है और पूरी स्वास्थ्य प्रणाली इस संक्रमण के रोकथाम के प्रयास में जुट गई है. इस एडवाइजरी के तहत सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने और गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्क्रीनिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.


दरअसल, महाराष्ट्र में जीका वायरस के कुछ मामलों के मद्देनजर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने राज्यों को एक परामर्श जारी किया है, जिसमें देश में जीका वायरस की स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. चूंकि जीका प्रभावित गर्भवती महिला के भ्रूण में माइक्रोसेफली और न्यूरोलॉजिकल परिणामों से जुड़ा हुआ है, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को नज़दीकी निगरानी के लिए सचेत करें.


केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही काम करने की अपील


इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सभी राज्यों से आग्रह किया जाता है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं या प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले मामलों को संभालने वाले लोगों को निर्देश दें. जिसमें जीका वायरस के संक्रमण के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच करें, जीका के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाली गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही काम करें.


स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए नोडल अधिकारी हों नियुक्त


वहीं, महाराष्ट्र के पुणे में बीते 11 दिनों में जीका वायरस के छह मामले सामने आ चुके हैं. जबकि, एक जुलाई को दो गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है. इन कारणों के चलते केंद्र सरकार इसे लेकर सतर्कता बरत रही है. सरकार ने जीका वायरस से संक्रमित महिलाओं के भ्रूण की लगातार निगरानी करने का भी निर्देश दिया है. साथ ही अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं को मच्छरों से मुक्त रखने के लिए नोडल अफसर नियुक्त करने के साथ ही रिहायशी इलाकों, स्कूलों, निर्माणाधीन स्थलों और कई संस्थानों को भी मच्छरों से मुक्त रखने को कहा गया है.


गर्भवती महिलाओं के लिए जीका वायरस संक्रमण ज्यादा खतरनाक


स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि वे समुदाय के बीच वायरस के डर को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर एहतियाती संदेशों के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा दें, क्योंकि, जीका डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एक एडीज मच्छर जनित वायरल बीमारी है. यह एक गैर घातक बीमारी है. जिसके अधिकांश मामले लक्षणहीन और हल्के होते हैं. वहीं, जीका प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) से जुड़ा है. जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है. 


जानिए अब तक जीका के कितने मामले आए सामने?


बता दें कि, भारत में 2016 में गुजरात राज्य से पहला जीका मामला दर्ज किया था. तब से, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक जैसे कई अन्य राज्यों में इसके मामले सामने आए हैं. जबकि,  साल 2024 में (2 जुलाई तक), महाराष्ट्र में पुणे (6), कोल्हापुर (1) और संगमनेर (1) से आठ मामले सामने आए हैं.


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