Srinagar-Kargil Road Remains Shut: बर्फबारी और हिमस्खलन की वजह से जोजिला दर्रे पर श्रीनगर-करगिल मार्ग लगातार आठवें दिन बंद रहा. दोनों तरफ यहां सैकड़ों वाहन और यात्री तरफ फंसे गए हैं. बीकन अधिकारियों के मुताबिक, जोजिला दर्रे (श्रीनगर-करगिल रोड) पर किसी भी तरह के यातायात की अनुमति नहीं दी जाएगी. प्रोजेक्ट बीकन के तहत बर्फ हटाने का काम किया जाता है. 


उनका कहना है कि भारी हिमस्खलन के कारण बर्फ जमा हो गई है और सड़क पर कई स्थानों पर पत्थर गिरने से सड़क खुलने में बाधा आ रही है. जोजिला के सोनमर्ग और गुमरी एक्सिस दोनों तरफ से बर्फ हटाने का काम चल रहा है, लेकिन सड़क पर भारी बर्फ जमा होने से काम करना मुश्किल हो रहा है. करगिल पुलिस ने सोमवार (24 अप्रैल) सुबह ट्वीट किया, "बर्फ जमा होने और हिमस्खलन को देखते हुए सोमवार को ज़ोजिला से कोई वाहन नहीं चलेगा."


8 दिन से फंसे हैं वाहन और यात्री


जम्मू-कश्मीर यातायात पुलिस ने कहा कि बर्फ जमा होने और हिमस्खलन को देखते हुए जोजिला दर्रा (श्रीनगर-करगिल) 24 अप्रैल, सोमवार को यातायात के लिए बंद रहेगा. बीते 8 दिनों से हाईवे के दोनों ओर ट्रक और यात्री वाहनों सहित सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं, जिन्हें गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


यहां फंसे ट्रक ड्राइवरों में से एक ने बताया, "यदि सड़क अधिक दिनों तक बंद रहती है, तो न केवल फंसे हुए यात्रियों को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा, बल्कि द्रास और करगिल में भी लोगों को ताजे फल, सब्जियों के साथ-साथ ईंधन सहित आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा"


राजमार्ग 17 अप्रैल से बंद था


लद्दाख को कश्मीर से जोड़ने वाला रणनीतिक जोजिला दर्रा 68 दिनों तक बंद रहने के बाद इस साल गुरुवार 16 मार्च को यातायात के लिए खोल दिया गया था. सीमा सड़क संगठन ने बर्फ साफ करने के बाद दर्रे को खोल दिया था और सड़क की मरम्मत कर रहा था, लेकिन पिछले हफ्ते भारी हिमस्खलन और ताजा बर्फबारी ने राजमार्ग को एक बार फिर से बंद कर दिया है. इसे ताजा बर्फबारी और सड़क पर हुए हिमस्खलन और कई वाहनों के दब जाने के बाद राजमार्ग को 17 अप्रैल से बंद कर दिया गया था.


दरअसल 6 जनवरी के बाद खराब मौसम और लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से इसे बंद किया गया था. फरवरी के पहले हफ्ते में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थित प्रोजेक्ट बीकन और विजयक ने दर्रे से बर्फ हटाने का काम किया गया. लगातार की गई कोशिशों के बाद 11 मार्च को जोजिला दर्रे पर संपर्क स्थापित किया गया. इसके बाद यहां वाहनों के लिए सुरक्षित मार्ग बनाने के लिए  सड़कों की स्थिति में सुधार किया गया.


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