लद्दाख: लद्दाख में बढ़ते कोरोना मामलों के बाद सड़क रास्ते से आने वालों पर प्रशासन सख़्त हो गया है. कश्मीर से आने वाले सभी लोगों की टेस्टिंग के लिए ज़ोजिला के पास बने सेंटर पर रोज़ाना 3 हज़ार से ज्यादा लोगों का टेस्ट और आइसोलेशन किया जा रहा है. कारगिल के डिप्टी कमिश्नर संतोष सुखदेव के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए प्रशसन ने टेस्टिंग पर ज़ोर दिया है. सड़क मार्ग से आने वाले लोगों पर नज़र रखी जा रही है और बिना टेस्ट के किसी को भी लद्दाख में आने नहीं दिया जा रहा. 


इस काम के लिए प्रशासन ने सड़क मार्ग से आने वाले लोगों को दो कैटेगरी में बांटा है. पहले ग्रुप में ज़रूरी सामान ला रहे ट्रक चालक रखे गए हैं जिनका रैपिड टेस्ट हो रहा है जबकि दूसरे ग्रुप में स्थानीय नागरिक, पर्यटक और मज़दूर रखे गए हैं. इन सभी के लिए RT-PCR टेस्ट करवाना अनिवार्य किया गया है. टेस्ट की रिपोर्ट आने तक दूसरे ग्रुप के सभी लोगों को क्वारंटाइन में रखने का भी प्रबंध किया गया है और नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही लोगों को बाहर निकलने की अनुमति है.


कई मज़दूर बिना टेस्ट के लद्दाख में दाखिल होने की कोशिश में पकड़े गए


सूत्रों के अनुसार पिछले दो हफ्तों में बड़ी संख्या में सेना के लिए काम करने वाले मज़दूर बिना टेस्ट के लद्दाख में दाखिल होने की कोशिश में पकड़े गए. जिनमें से अकेले एक दिन में कश्मीर के लोवर मांडा में बने टेस्टिंग सेंटर में 120 मज़दूर कोरोना पॉजिटिव पाए गए.


इसके बाद ही पर्यटकों और मज़दूरों को बिना RT-PCR आने पर प्रतिबंध लगाया गया और कुछ लोगों को बिना RT-PCR टेस्ट के आने पर वापस भेजा गया. लद्दाख में अभी भी 1374 एक्टिव मामले हैं और कुल संक्रमित लोगों की संख्या 14560 है. अभी तक कोरोना के कारण इस दुर्गम प्रदेश में 151 लोगों की जान गयी है. आने वाले दिनों में दूसरी लहर के चलते संक्रमित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए ही सख्ती बरतने का फैसला लिया गया है.


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