नई दिल्लीः फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो एक बार फिर चर्चा में है और इस बार मामला पश्चिम बंगाल का है. पश्चिम बंगाल के हावड़ा में जोमैटो के जरिए बीफ डिलीवरी पर बवाल हो गया है. वहां जोमैटो के कर्मचारी बीफ और पोर्क की डिलीवरी नहीं करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. अब इस मामले को सुलझाने की कोशिश हो रही है लेकिन कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि किसी भी हालत में वो बीफ और पोर्क की डिलीवरी नहीं करेंगे.


दरअसल जोमैटो के कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें कस्टमर तक बीफ और पोर्क पहुंचाने के लिए कहा जाता है. मना करने पर उन्हें धमकी दी जाती है कि किसी भी हाल में ऑर्डर रद्द नहीं किया जायेगा. उनसे जर्बदस्ती काम कराया जा रहा है, जो कि उन्हें मंजूर नहीं है. इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंच रही है.





हावड़ा में हड़ताल पर बैठे जोमैटो फूड डिलीवरी एक्जीक्यूटिव्स ने कहा कि हम बीफ और पोर्क की डिलीवरी के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं, कंपनी हमारी मांगों को नहीं सुन रही है और हमें हमारी मर्जी के खिलाफ बीफ और पोर्क डिलीवर करने पर बाध्य कर रही है. हम एक हफ्ते से हड़ताल पर हैं.


जोमैटो के एक डिलीवरी मैन बजरंग नाथ वर्मा ने कहा कि जिस बैग में खाना लेकर हम लोग डिलीवरी करते हैं, वही बैग लेकर घर जाना पड़ता है. वहीं एक और डिलीवरी मैन मोहसिन अख्तर ने कहा कि कुछ भी हो जाये, हमलोग पोर्क डिलीवरी नहीं करेंगे. कई डिलीवरी मैन का आरोप है कि डिलीवरी नहीं किये जाने पर उनके कुछ साथियों के खिलाफ कंपनी ने गोलाबाड़ी थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. उन सबों को धमकी भी मिल रही है. डिलीवरी मैन का आरोप है कि कंपनी की ओर से परिचय पत्र नहीं दिया गया है. पीएफ और मेडिकल सुविधाएं भी नहीं मिलती है. महीने के अंत में न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता है.


वहीं पश्चिम बंगाल के पिछड़ी जाति विकास मंत्री और टीएमसी विधायक राजीव बनर्जी ने कहा कि यह पूरी तरह गलत है. किसी कर्मचारी की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाकर काम करना गलत है. कंपनी तुरंत अपना फैसला वापस ले. फिलहाल उन्हें शिकायत नहीं मिली है लेकिन शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी. इस तरह के मामले को कंपनी को सुलझा लेना चाहिए और कर्मचारियों की मर्जी नहीं है तो उनसे इस तरह के खाने की डिलीवरी नहीं करानी चाहिए.


हाल ही में फूड डिलीवरी एप जोमैटो से जबलपुर के एक शख्स अमित शुक्ला ने खाना लेने से इसलिए इंकार कर दिया था क्योंकि फूड डिलीवरी देने वाला कर्मचारी गैर हिंदू था. इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर जोमैटो और कस्टमर के बीच कई पोस्ट किए गए थे. जोमैटो ने अमित शुक्ला नाम के शख्स को जवाब देते हुए कहा था कि खाने का कोई धर्म नहीं होता. इसके बाद सोशल मीडिया पर जोमैटो के पक्ष और विपक्ष में पोस्ट की बाढ़ आ गई थी और ये मामला बेहद चर्चित हो गया था.