नई दिल्ली: हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या मामले में अपने एक डिलिवरी ब्वाय की गिरफ्तारी के बाद ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने बुधवार को कहा कि कानून तोड़ने वाले किसी के लिए भी उसकी कंपनी में कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और दोषी के खिलाफ तेजी से कार्रवाई होनी चाहिए.


गुजरात एटीएस ने राजस्थान बॉर्डर के पास से दो कथित हत्यारों अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन पठान को गिरफ्तार किया जिसके बाद सोशल मीडिया पर जोमैटो को ट्रोल किया गया. इंटरनेट यूजर्स ने कमलेश की हत्या के मामले में जोमैटो के एक कर्मचारी की भूमिका लेकर उस पर सवाल उठाए.


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इस पर जोमैटो के एक प्रवक्ता ने कहा कि एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा पठान का आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और अतीत के रिकार्ड सहित ‘पृष्ठभूमि’ की जांच के बाद उसे सूरत में नौकरी पर रखा गया था. उसने आखिरी बार छह अक्टूबर को खाने की डिलीवरी की थी. इसके बाद वह खुद अपनी मर्जी से हमारे प्लेटफॉर्म से हट गया था.



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उन्होंने कहा कि जोमैटो कानून का पालन करने वाली और जिम्मेदार कंपनी है. हम संबंधित प्राधिकारों को पूरी मदद देते हैं और छानबीन में पूरी मदद करेंगे. कानून तोड़ने वाले किसी के भी प्रति उसकी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है. हम चाहेंगे कि कानून के तहत जल्द से जल्द दोषी को सजा मिले.


इंटरनेट पर किया जा रहा ट्रोल


ट्विटर पर जोमैटो की जुलाई की घटना को कमलेश तिवारी हत्या मामले में गिरफ्तार पठान से जोड़ा गया. एक यूजर ने लिखा,"हत्या का कारण धार्मिक नफरत था. कुछ दिन पहले आपने एक ऑर्डर रद्द कर दिया था क्योंकि खाना मंगाने वाला हिंदू लड़के से आपूर्ति चाहता था. क्या आप सुनिश्चित करेंगे कि आपके ग्राहक सुरक्षित हैं?"


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एक अन्य यूजर ने गिरफ्तारी मामले से जोड़कर कंपनी की खिंचाई करते हुए कहा कि "यही कारण है कि जोमैटो, स्विगी आदि पर भरोसा नहीं कर सकते."


कुछ महीने पहले भी जोमैटो तब चर्चा में आया था एक जब एक ग्राहक ने जोमैटो के डिलिवरी ब्वाय से सिर्फ इसलिए खाना नहीं लिया क्योंकि वह मुस्लिम था. इस पर जोमैटो ने खाना लेने से इनकार करने वाले ग्राहक को करारा जवाब दिया था.