जूलॉजिकल इंस्टीट्यूशन ने किया माउस ग्लू पैड के इस्तेमाल का विरोध, कहा- अन्य जीवों की जान को होता है खतरा
माउस ग्लू पैड का इस्तेमाल अमूमन चूहे पकड़ने के लिए किया जाता है, लेकिन अक्सर इसमें कई दूसरे जीव को फंसते देखा गया है. वहीं इस ग्लू पैड की वजह से कोई जानवर मरता है तो उस ग्लू पैड का इस्तेमाल करने वाले शख्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी सकती है.
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मुंबईः मुंबई में कई लोग घरों और अनेक कार्यालयों में माउस ग्लू पैड का इस्तेमाल चूहे पकड़ने के लिए करते हैं, पर इस ग्लू पैड पर कई और जंगली जीव भी चिपक जाते हैं. हाल ही में मुंबई के प्लांट एंड एनिमल सोसाइटी और अम्मा केयर फाउंडेशन नामक जूलॉजिकल इंस्टीट्यूशन को मुलुंड के एक कमर्शियल संस्थान ने इनके टोल फ्री नंबर पर फ़ोन कर कहा कि उन्होंने जो ग्लू पैड रखा था उसपर एक फिट लंबा सांप ही चिपक गया है.
माउस ग्लू पैड से सांप को किया रेस्क्यू
एनिमल फ्रेंडली सुनिश सुब्रमनियन ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा की इसके बाद हमारी टीम से हसमुख वलंजु मौके पर पहुंचे और सांप को रेस्क्यू किया इसके बाद वो इसे वैटनरी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर राहुल मेश्राम ने उसे ठीक तरह से साफ किया और थोड़ी देर बाद हमने उसे जंगल मे छोड़ दिया.
पंक्षियों को भी किया गया रेस्क्यू
सुब्रमनियन ने आगे बताया कि 'इस तरह का यह पहला मामला नहीं है जब कोई वन्य प्राणी ग्लू पैड पर चिपक गया हो, इससे पहले हमने किंगफिशर नामक पंछी को उसमें से निकाला था. इस पैड की वजह से उसके पंख का कुछ हिसा खराब हो गया था. हमने ग्लू पैड से कई और पंक्षियों को जैसे कबूतर, गौरैया को भी छुड़ाया है.'
माउस ग्लू पैड है जानवरों के लिए घातक
सुब्रमनियन के अनुसार 'ये ग्लू पैड बहुत ही जानलेवा होते हैं इसकी वजह से ये जानवर अपना दम भी तोड़ सकते हैं. इसलिए हम लोगों से भी यह अपील करते हैं कि वे इस तरह का ग्लू पैड का इस्तेमाल न करे साथ ही सरकार से निवेदन भी कर रहे हैं कि इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए.'
जानवरों के मरने पर हो सकती है सजा
सुनिश ने यह भी कहा कि अगर ग्लू पैड की वजह से कोई जानवर मरता है तो उस ग्लू पैड का इस्तेमाल करने वाले शख्स के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल एक्ट, 1960 या फिर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत मामला भी दर्ज हो सकता है.
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