(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भारत-अमेरिकी सेना के 'जोरावर एक्सरसाइज' का आखिरी दिन, एलओसी से एलएसी तक सुनाई दी सैन्य ताकत की गूंज
बीकानेर के नजदीक थार रेगिस्तान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में ये युद्धाभ्यास किया गया. यहां से पाकिस्तान का बॉर्डर महज सौ किलोमीटर की दूरी पर है. भारत और अमेरिका के इस युद्धाभ्यास से घबराकर पाकिस्तान ने भी एक्सरसाइज शुरू कर दी है.
नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच चल रही साझा एक्सरसाइज़, युद्धाभ्यास के आखिरी दिन दोनों देशों की सेनाओं ने अपनी सैन्य ताकत का नमूना दिखाया. दोनों देशों के टैंक, स्ट्राइकर व्हीकल्स, अटैक हेलीकॉप्टर्स, हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर्स की गड़गड़ाहट और गोलाबारी की गूंज एलओसी से लेकर एलएसी तक सुनाई दी.
8 फरवरी से शुरू राजस्थान के थार रेगिस्तान में शुरू हुई 'जोरावर एक्सरसाइज' का शनिवार को फील्ड एक्सरसाइज का आखिरी दिन था. इस दौरान महाजन रेंज को मिडिल-ईस्ट के एक देश में तब्दील कर दिया गया है, जहां तेल के कुओं और दूसरे स्रोतों के लिए गृहयुद्ध छिड़ा हुआ है. अलग-अलग उग्रवादी ग्रुप और विद्रोही संगठनों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका की सेनाएं इस इलाके में यूएन यानि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के तहत साझा ऑपरेशन चल रही हैं, ताकि वॉर-टोर्न इस देश में शांति बहाली की जा सके.
शनिवार को एक्सरसाइज के आखिरी दिन यानि वैलिडेशन एक्सरसाइज के दौरान, दोनों देशों की सेनाओं को एक इलाके को 30-40 आतंकियों के कब्जे से खाली कराना था. इसके लिए दोनों देशों के सैनिक, पैरा कमांडो, टैंक, इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स, ड्रोन, स्पेशल लोरोज़ कैमरा और हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल कर आतंकियों का सफाया किया गया और बंधक बने लोगों को सुरक्षित बचाया गया.
हालांकि, ये एक्सरसाइज काउंटर इनसर्जेन्सी और काउंटर टेरेरिज्म माहौल में की गई, लेकिन जिस तरह दोनों देशों ने टैंक, आर्म्ड व्हीकल्स और एयर-सपोर्ट का इस्तेमाल किया गयी, उसकी गूंज पाकिस्तानी सीमा तक भी सुनाई दी. क्योंकि बीकानेर के करीब जिस थार रेगिस्तान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में ये एक्सरसाइज की गई, वहां से पाकिस्तान की सीमा महज़ 100 किलोमीटर है. भारत और अमेरिका की इस एक्सरसाइज से घबराकर पाकिस्तान ने भी अपने सीमा के थार रेगिस्तान में 'जिदर उल हदीद' एक्सरसाइज शुरू कर दी है (14-28 फरवरी). 'डिफेंसिव रोल' में किए जा रहे युद्धभ्सास में पाकिस्तानी सेना के बड़े तादाद में टैंक 'बैटलफील्ड एनवायरमेंट'में हिस्सा ले रहे हैं.
भारत और अमेरिका के बीच सालाना एक्सरसाइज, युद्धभ्यास का ये 16वां संस्करण है. इस बार इस एक्सरसाइज का नाम 'जोरावर एक्सरसाइज' दिया गया है. हालांकि, इस एक्सरसाइज का उद्देश्य काउंटर इंनसर्जेंसी और काउंटर ऑपरेशन के माहौल में अपने युद्ध-कौशल को और अधिक परिपक्व करना है, लेकिन इस युद्धभ्यास के जरिए दोनों देशों की सेनाएं दुनिया को दिखानी और बताना चाहती हैं कि साथ मिलकर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं. एबीपी न्यूज की टीम भी इस एक्सरसाइज की कवरेज के लिए थार रेगिस्तान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में मौजूद थी.
दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच ये युद्धभ्यास, जम्मू कश्मीर के डोगरा राज्य के कमांडर, जनरल जोरावर सिंह के नाम पर रखी गई है जिन्होनें 19वीं सदी में पहली बार चीन पर आक्रमण कर अपनी पताका फहराई थी (पहला और आखिरी मौका था, जब किसी भारतीय ने चीन में अपनी विजय पताका फहराई थी). राजस्थान में चल रही इस एक्सरसाइज (8-21 फरवरी) में भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जैकरिफ) हिस्सा ले रही है.
'युद्धभ्यास' एक्सरसाइज में अमेरिकी सेना की 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बेट टीम (एसबीसीटी ब्रिगेड) हिस्सा ले रही है, जिसे 'घोस्ट ब्रिगेड' के नाम से भी जाना जाता है. इस एक्सरसाइज के लिए घोस्ट ब्रिगेड अपने स्ट्राइकर-व्हीकल्स (इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स) के साथ भारत पहुंची है. इस 1-2 एसबीसीटी ब्रिगेड का मुख्यालय अमेरिका के सिएटल शहर के करीब ज्वाइंट बेस लुईस मैकक्रोर्ड (जेबीएलएम बेस) में है, जो दुनिया के सबसे बड़े मिलिट्री बेस में से एक है. अमेरिकी सेना सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट से इन स्ट्राइकर व्हीकल्स लेकर पहुंची है.
1-2 एसबीसीटी का नाम घोस्ट ब्रिगेड इसलिए पड़ा क्योंकि खाड़ी-युद्ध के दौरान (2002-03) में इस ब्रिगेड ने इराक के बगदाद और मोसूल शहर में इतने गोपनीय तरीके से अपने ऑपरेशन किए थे कि दुश्मन सेना को कानों-कान खबर नहीं लगी थी. बाद में ये ब्रिगेड अफगानिस्तान में भी तैनात रही.
रविवार को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में क्लोजिंग सेरेमनी है, जहां दोनों देशों की टुकड़ी अपने राष्ट्रगान की धुन पर मार्च पास्ट करेंगी और सीनियर कमांडर्स सैनिकों को संबोधित करेंगे. 'युद्धभ्यास' एक्सरसाइज का अगला संस्करण अब अगले साल अमेरिका में होगा.
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