Zydus Cadila ने कोविड वैक्सीन के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की मांगी मंजूरी, जल्द शुरू हो सकता है बच्चों का टीकाकरण
भारत को जल्द ही अगली कोरोना वैक्सीन मिलने के आसार दिखते नजर आ रहे हैं. अगर मंजूरी मिल जाती है तो यह कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका और देश में उपलब्ध पांचवा टीका होगा.
नई दिल्ली: भारत में अब जल्द ही 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों का भी टीकाकरण शुरू हो सकता है. बेंगलुरु स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से अपनी डीएनए वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है. अगर इस वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो देश में 12+ वाले बच्चों का टीकाकरण शुरू किया जा सकेगा.
जायडस कैडिला वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है. ये ट्रायल 28,000 से ज्यादा वॉलंटियर्स पर किया गया है. क्लिनिकल ट्रायल से पता चलता है कि टीका बच्चों के लिए सुरक्षित है. कंपनी ने ट्रायल का डेटा डीसीजीआई को दे दिया है. इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद जुलाई के अंत तक या अगस्त में पहले हफ्ते से 12-18 उम्र के बच्चों का टीकाकरण शुरू हो सकता है.
तीन डोज वाली वैक्सीन
डीएनए-प्लाज्मिड आधारित ‘जायकोव-डी’ टीके की तीन खुराकें होंगी. इसे दो से चार डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है और कोल्ड चेन की जरूरत नहीं होगी. इससे देश के किसी भी हिस्से में इसकी खेप आसानी से पहुंचायी जा सकेगी. जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के तहत नेशनल बायोफार्मा मिशन (एनबीएम) की ओर से टीके को सहयोग मिला है.
बता दें कि देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम तेजी से चल रहा है. भारत में इस साल की शुरुआत में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. जिसके बाद से अभी तक कुल 33 करोड़ 57 लाख डोज दी जा चुकी हैं. जिसमें 27 करोड़ 60 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली और 5 करोड़ 96 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई है.
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