Zydus Cadila Vaccine: कोरोना संक्रमण से लड़ाई के मोर्चे पर भारत को एक और कामयाबी मिली है. जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई. इसी के साथ ही भारत के पास अब कोरोना वायरस की छह वैक्सीन हो गई है. इसको लेकर जायडस कैडिला के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ शर्विल पी पटेल ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की.
इस वैक्सीन की क्या खासियत है?
डॉ शर्विल पी पटेल ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि ये देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है कि हमें जायकोव-डी को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. ये दुनिया का पहला डीएनए प्लासमिड वैक्सीन है. कई वैज्ञानिकों के साथ काम करने के बाद इसे तैयार किया गया है. 28 हजार विषयों पर स्टडी करने के बाद हमें ये अप्रूवल मिला है.
जायडस कैडिला के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि ये वैक्सीन 25 डिग्री के तापमान पर भी ये तीन से चार महीने तक स्टेबल रहता है. कभी-कभी एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के दौरान वैक्सीन फ्रीज होकर बिगड़ जाते हैं लेकिन इस वैक्सीन के साथ ऐसा नहीं होता. इसके ट्रायल नतीजे बेहतर रहे. सेफ्टी के मेजर्स पर ये खड़ा उतरता है.
इस वैक्सीन में निडिल की जरूरत नहीं
डॉ शर्विल पी पटेल ने बताया कि इस वैक्सीन के स्किन के अपर लेयर पर हाई प्रेसर जेट के जरिए दी जाती है. एक डिवाइस आता है जिसके जरिए इस वैक्सीन को स्किन के अपर लेयर में दिया जाता है. 100 माइक्रो लीटर का एक बूंद होता है, इसका बहुत छोटा सा डोज आता है.
क्या बच्चों के लिए ये वैक्सीन उपलब्ध है?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज के इमरजेंसी अप्रूवल के तहत ये 12 साल से अधिक उम्र वालों के लिए इजाजत मिला है. आगे जाकर हम एक नया ट्रायल शुरू करेंगे जिसमें तीन साल से बारह साल के बच्चे होंगे. इसके लिए भी हम आगे प्रयास कर रहे हैं.
कब तक उपलब्ध होगी वैक्सीन?
डॉ शर्विल पी पटेल ने कहा कि अभी छोटे स्तर पर उत्पादन हो रहा है. उम्मीद है कि हम अक्टूबर से एक करोड़ डोज बनाने का प्रयास करें. सितंबर के अंत तक शुरुआत के थोड़े डोज बना सकते हैं और दे सकते हैं. नवंबर से फुल फ्लेज्ड वैक्सीनेशन दे सकेंगे. नबंवर से एक करोड़ डोज बच्चों के लिए उपलब्ध हो सकती है.
दिल्ली: भारी बारिश से कई इलाकों में जलभराव, कई अंडरपास यातायात के लिए किए गए बंद