नई दिल्लीः भारत की अग्रणी दवा कंपनी जायडस कैडिला के कोविड-19 के अपने टीके ‘जायकोव-डी’ के आपात इस्तेमाल के लिए अगले सप्ताह केंद्रीय औषधि नियामक के पास आवेदन करने की संभावना है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया.


आपात इस्तेमाल के लिए कर सकती है आवेदन


अगर मंजूरी मिल जाती है तो यह कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका और देश में उपलब्ध चौथा टीका होगा. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि ‘‘तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण करीब-करीब तैयार है और कंपनी ने सरकार को सूचित किया है कि वह अगले सप्ताह अपने कोविड-रोधी टीके के आपात इस्तेमाल लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती है.’’ वयस्कों के साथ 12 से 18 साल के उम्र समूह के किशोरों पर भी इस टीके का परीक्षण किया गया है.


‘जायकोव-डी’ के लिए नहीं होगी कोल्ड चेन की जरूरत


सूत्र ने बताया, ‘‘इसलिए अहमदाबाद की जायडस कैडिला अगले सप्ताह जब लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी तो हमारे पास इसके लिए समुचित आंकड़े होंगे कि क्या बच्चों को भी टीके की खुराक दी जा सकती है.’’ डीएनए-प्लाज्मिड आधारित ‘जायकोव-डी’ टीके की तीन खुराकें होंगी. इसे दो से चार डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है और कोल्ड चेन की जरूरत नहीं होगी. इससे देश के किसी भी हिस्से में इसकी खेप आसानी से पहुंचायी जा सकेगी. जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के तहत नेशनल बायोफार्मा मिशन (एनबीएम) की ओर से टीके को सहयोग मिला है.


भारत में जी गई 26 करोड़ से ज्यादा डोज


बता दें कि देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम तेजी से चल रहा है. भारत में इस साल की शुरुआत में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. जिसके बाद से अभी तक कुल 26 करोड़ 89 लाख 60 हजार 399 डोज दी जा चुकी हैं. जिसमें 21 करोड़ 88 लाख 73 हजार 616 लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली और 5 करोड़ 86 हजार 783 लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई है.


 


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