Zydus Cadila इस महीने मांग सकती है अपनी कोरोना वैक्सीन के लिए अनुमति
देश में अभी तक कोरोना की तीन वैक्सीन को अनुमति मिली है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविडशील्ड और रूस की स्पुतनिक V वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया गया है.
नई दिल्ली: मेडिसिन बनाने वाली अहमदाबाद की प्रमुख कंपनी जायडस कैडिला इस महीने अपनी कोरोना वैक्सीन के लिए अनुमति मांग सकती है. कंपनी को कोविड वैक्सीन से जुड़ा डेटा मिल गया है. अब इस टीके के लिए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन का आवेदन कर सकती है.
जायडस कैडिला के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) शर्विल पटेल ने कहा, "हम इस महीने रेगुलेटर को ट्रायल का डेटा देकर अनुमति मांग सकते हैं. हमें इसी महीने इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की अनुमति मिल सकती है."
तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल में 28 हजार लोग शामिल
कंपनी ने प्लासमिड DNA वैक्सीन के लिए तीसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल फरवरी में शुरू किया था. इसमें 28,000 पार्टिसिपेंट को शामिल किया गया था. अभी तक देश में वैक्सीन की दो डोज लेने की जरूरत होती है, लेकिन जायडस कैडिला के वैक्सीन की तीन डोज की टेस्टिंग की गई. ये तीनों डोज एक महीने के अंतराल पर लेनी होगी. इसके अलावा कंपनी दो डोज वाली वैक्सीन ZyCoV-D का भी ट्रायल कर रही है. ये ट्रायल भी मई में पूरा होने की उम्मीद है.
कंपनी का दावा है कि नियामक से मंजूरी मिलने के बाद हर महीने 1 करोड़ डोज का उत्पादन कर सकती है. बाद में इसकी क्षमता बढ़ाकर हर महीने दो करोड़ डोज तक किया जा सकता है. अगर इस जायडस कैडिला की वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो ये भारत में लगाई जाने वाली चौथा टीका होगा. पिछले महीने डीजीसीआई ने जायडस कैडिला की कोरोना के इलाज में सहायक दवा विराफिन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी थी.
जायडस कैडिला का कहना है कि हल्के लक्षण वाले मरीजों को यह दवा दी जा सकती है. जब वायरल लोड मध्यम और हाई के बीच होता है, तो ऑक्सीजन की आवश्यकता तेजी से होती है. इसलिए इस दवा के इस्तेमाल से वायरल लोड कम हो जाएगा और ऑक्सीजन की आवश्यकता भी कम होगी.
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