Zydus Cadila's Vaccine: जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के प्राइस को लेकर अगले हफ्ते तक स्थिति साफ हो जाएगी. जायडस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर शर्विल पटेल ने ये बात कही है. साथ ही उन्होंने कहा है कि, कंपनी मिड-सितंबर से इस वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर देगी. साथ ही अक्टूबर से हर महीने एक करोड़ वैक्सीन के प्रोडक्शन का लक्ष्य रखा गया है. कंपनी की योजना सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की है.


डॉक्टर शर्विल पटेल ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया, "हमारी कोविड-19 वाक्किने ZyCoV-D 66 फीसदी असरकारक है. साथ ही ये डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी 66 फीसदी असरकारक है." बता दें कि, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने शुक्रवार को ZyCoV-D के आपात इस्तेमाल की इजाजत दे दी है.


बता दें कि ZyCoV-D ऐसी छठी वैक्सीन है, जिसे देश में आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है. इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूस की स्पुतनिक-वी, और अमेरिका की मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन को देश में आपात इस्तेमाल की इजाजत दी गई है.  


12 साल या उससे ऊपर के लोगों को लगाई जाएगी ये वैक्सीन 



डॉक्टर शर्विल पटेल ने बताया, "ZyCoV-D तीन डोज वाली वैक्सीन है. पहली डोज लगवाने के बाद इसकी दूसरी डोज 28वें दिन और तीसरी डोज 56वें दिन लगानी होगी. ये वैक्सीन 12 साल या उससे ऊपर के लोगों को लगाई जाएगी." साथ ही उन्होंने कहा कि, कंपनी जल्द ही इसे दो डोज में लाने का प्रयास करेगी.

 

कोविड-19 रोधी यह दुनिया का पहला और देश में विकसित ऐसा टीका है जो डीएनए पर आधारित है. विभाग ने कहा कि इस टीके को मिशन कोविड सुरक्षा के तहत डीबीटी के साथ मिलकर विकसित किया गया है. बता दें कि, इस वैक्सीन में इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं होगा. ये एक नीडल फ्री वैक्सीन है और इसे जेट इंजेक्टर के जरिए दिया जाएगा. 


 

28 हजार से ज्यादा लोगों पर हुआ ट्रायल 

 

डॉक्टर शर्विल पटेल के अनुसार, इस वैक्सीन का 50 से ज्यादा जगहों पर 28 हजार से ज्यादा लोगों पर ट्रायल हुआ जिनमें बच्चे भी शामिल थे. इस वैक्सीन को 12 से 18 साल के करीब हजार बच्चों पर भी ट्रायल किया गया और सुरक्षित पाया गया. इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.  वहीं तीन महीने तक इसे 25 डिग्री पर रखा जा सकता है. 

 

कंपनी का दावा है की प्लग एंड प्ले तकनीक जिस पर प्लास्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म आधारित है, वह COVID-19 से निपटने के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है क्योंकि इसे वायरस में म्युटेशन से निपटने के लिए आसानी से अनुकूलित किया जा सकता है.

 

पीएम मोदी भी बता चुकें हैं बड़ी उपलब्धि 


पीएम नरेन्द्र मोदी भी ZyCoV-D के निर्माण को एक बड़ी उपलब्धि बता चुकें हैं. पीएम ने कहा, "भारत पूरे जोश के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. दुनिया की पहली डीएनए आधारित 'ZyCov-D' वैक्सीन को मिली मंजूरी हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों का नतीजा है. ये देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है."



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