Zydus Cadila's Vaccine: जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने शुक्रवार को आपात इस्तेमाल की इजाजत दे दी. इसके बाद कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भारत को एक और हथियार मिल गया है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय के अनुसार, यह 12 साल या उससे ऊपर के लोगों को लगाई जाएगी. भारत में यह ऐसी छठी वैक्सीन है, जिसे इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है. इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूस की स्पुतनिक-वी, और अमेरिका की मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन को इजाजत दी गई है.

  


पीएम मोदी ने कहा- महत्वपूर्ण उपलब्धि


जायडस कैडिला वैक्सीन की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे एक बड़ी उपलब्धि करार दिया है. उन्होंने कहा- "भारत पूरे जोश के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. दुनिया के पहले डीएनए आधारित 'ZyCov-D' वैक्सीन जायडस कैडिला को मंजूरी भारतीय वैज्ञानिकों के अभिनव उत्साह का प्रमाण है. वास्वत में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है."   






जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने शुक्रवार को जानकारी दी कि जायडस कैडिला टीके को 12 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जा सकता है.  विभाग ने बताया कि डीएनए आधारित कोरोना वायरसरोधी दुनिया का पहला टीका है. इसके अनुसार टीके की तीन खुराक दिए जाने पर यह सार्स-सीओवी-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है, जो बीमारी और वायरस से सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.


तीन डोज वाली सूई मुक्त है वैक्सीन 


सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने यह भी कहा कि ‘‘प्लग-एंड-प्ले’’ तकनीक जिस पर 'प्लाज्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म' आधारित है, वायरस में उत्परिवर्तन से भी आसानी से निपटती है. इसने कहा, ‘‘भारत के औषधि महानियंत्रक से जाइडस केडिला के टीके जाइकोव-डी को 20 अगस्त को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गयी है. कोविड-19 रोधी यह दुनिया का पहला और देश में विकसित ऐसा टीका है जो डीएनए पर आधारित है. विभाग ने कहा कि इस टीके को मिशन कोविड सुरक्षा के तहत डीबीटी के साथ मिलकर विकसित किया गया है.


इसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं बल्कि ये वैक्सीन नीडल फ्री है, इसे जेट इंजेक्टर के ज़रिए दिया जा सकेगा।PharmaJet® एक सुई मुक्त ऐप्लिकेटर दर्द रहित इंट्राडर्मल वैक्सीन डिलीवरी सुनिश्चित करता है. कम्पनी का दावा है की प्लग एंड प्ले तकनीक जिस पर प्लास्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म आधारित है, वह COVID-19 से निपटने के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है क्योंकि इसे वायरस में म्युटेशन से निपटने के लिए आसानी से अनुकूलित किया जा सकता है, जैसे कि पहले से होने वाले.


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