Vaccination For Children: भारत में दो हफ्तों के भीतर जायडस कैडिला की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल सकती है. ये वैक्सीन 12 से 18 साल के बच्चों के लिए 67 फीसदी तक कारगर है. जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन का 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों पर ट्रायल हुआ है, अब जल्द ही डीसीजीआई से अनुमति मिलने की उम्मीद है. ये जानकारी नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ पॉल ने दी है.
जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जाइकोव डी (Zycov D) का तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है. कैडिला ने कोरोना की वैक्सीन के लिए सीडीएससीओ यानी सेंट्रल ड्रग स्टैण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाईजेशन के पास इमरजेंसी यूज़ इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है. कंपनी ने करीब 28 हजार लोगों पर ट्रायल पूरा करने के बाद इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन यानी आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन दिया है जिस पर सीडीएससीओ की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी में डेटा एनालिसिस हो रहा है. कंपनी की तरफ से वैक्सीन ट्रायल का सारा डेटा दे दिया गया है.
67 फीसदी तक कारगर है जाइकोव डी
जायडस कैडिला ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि इस वैक्सीन को 12 से 18 साल के करीब हजार बच्चों पर भी ट्रायल किया गया और सुरक्षित पाया गया. इसकी एफिकेसी 66.60 फीसदी है. तीन डोज वाले इस वैक्सीन को 4-4 हफ्तों के अंतराल पर दी जा सकती है. इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है. ये पहली Plasmid डीएनए वैक्सीन है. इसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं बल्कि ये वैक्सीन नीडल फ्री है, इसे जेट इंजेक्टर के ज़रिए दिया जा सकेगा. कंपनी की योजना सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की है.
जायडस कैडिला के अलावा दूसरी कई कंपनियां भी बच्चों की वैक्सीन पर काम कर रही हैं. भारत बायोटेक का 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है. कंपनी जल्द ट्रायल पूरा कर अंतरिम डेटा के साथ इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के लिए अप्लाई कर सकती है. इसके अलावा नोवावैक्स को भी बच्चों के ट्रायल की अनुमति मिल गई. वहीं बायो ई ने भी ट्रायल की अनुमति मांगी है. उम्मीद है बच्चों की वैक्सीन जल्द मिल सकती है.
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