Train Ticket: IRCTC यात्रियों को 45 मिनट तक रेलवे की टिकट बुकिंग की अनुमति क्यों नहीं देता, ये है वजह
IRCTC रात 11.45 बजे से सुबह 12.30 बजे तक अपने मुख्य सर्वर को रोजाना 45 मिनट के लिए इसको रिपेयर करने के लिए बंद कर देता है.
Train Ticket Booking: भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) अपने यात्रियों की सुविधाओं के लिए अक्सर अपने नियमों में बदलाव करती रहती है. ट्रेन में सफर करने से पहले यात्री के सामने सबसे बड़ा काम इसकी समय पर टिकट बुक करना होता है. अगर आपकी ट्रेन टिकट (Train Ticket) समय पर बुक हो जाती है तो आप राहत की सांस ले सकते हैं. लेकिन हमने अक्सर देखा है कि छुट्टियों का सीजन आते ही ट्रेनों में बुकिंग को लेकर मारामारी शुरू हो जाती है. कई बार लोगों को पूरा-पूरा दिन केवल टिकट बुक करने में ही निकल जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे रात के समय 45 मिनट तक किसी को भी टिकट बुकिंग करने की इजाजत नहीं देता है. बहुत कम ही लोग होंगे जो यह जानते होंगे की आखिर रात के समय रेलवे 45 मिनट तक ऑनलाइन टिकट बुकिंग को क्यों रोक देता है. आइए आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह.
आपको बता दें कि पहले रात को साढ़े 11. बजे तक ही ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा थी. लेकिन कुछ साल पहले रेलवे ने अपने यात्रियों की सुविधा के लिए रात्रि में ऑनलाइन टिकट बुकिंग का समय को साढ़े 11 बजे से बढ़ाकर 11.45 कर दिया था. यानी लोगों को टिकट बुक कराने के लिए पहले के मुकाबले अतिरिक्त 15 मिनट का समय मिलने लगा. लेकिन सवाल है यह है कि आखिर रात 11.45 से लेकर सुबह 12.30 बजे तक ट्रेन की ऑनलाइन टिकट बुकिंग क्यों बाधित रहती है. आइए जानते हैं इसके बारें.
सर्वर को रिपेयर और डेटा सुरक्षित करने के लिए
आपको बता दें कि IRCTC रात 11.45 बजे से सुबह 12.30 बजे तक अपने मुख्य सर्वर को रोजाना 45 मिनट के लिए इसको रिपेयर करने के लिए बंद कर देता है. इस 45 मिनट के दौरान ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा पूरी तरह से बंद रहती है.
आपको बता दें कि IRCTC की वेबसाइट के जरिए रोजाना लगभग 6 से 7 लाख टिकटों की बुकिंग की जाती है. वहीं IRCTC दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा व्यस्त पोर्टल है, जिसके 3 करोड़ से भी अधिक पंजीकृत यूजर्स हैं. रोजाना होने वाली टिकट बुकिंग के लेने-देन से संबंधित डेटा को दूसरे डेटाबेस में शिफ्ट किया जाता है और उनकी डुप्लीकेट कॉपियां बनाई जाती है. जिससे की अगले दिन किसी डेटा का नुकसान होने पर उसकी भरपाई की जा सके.
यदि इन 45 मिनटों में भी टिकटों की बुकिंग चालू रखी जाती है तो ऐसे में यात्री बुकिंग डेटा का नुकसान या फिर टिकट की बुकिंग के दौरान ट्रांजक्शन के फेल होने की संभावना बनी रहती है. जिसे ट्रैक करना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए इन 45 मिनट टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग को रोक दिया जाता है और पूरे दिन में हुई बुकिंग से संबंधित डेटा को सुरक्षित किया जाता है.
रोजाना PNR नंबर अपडेट करने के लिए
चूंकि रोजाना लाखों की संख्या में ट्रेनों की टिकट की बुकिंग की जाती है. इसलिए रोजाना लाखों की संख्या में उनके PNR डाटा भी जनरेट किए जाते हैं. एक बार जब ट्रेन अपने स्थान पर पहुंच जाती है, तो ये PNR डेटा मेनटेंनेस विंडो के दौरान अपने आप अपडेट हो जाता है.
क्योंकि ट्रेन से संबंधित सभी जानकारियां जैसे ट्रेन से संबंधित जानकारी, मौजूदा ट्रेन में कोई एडिशनल जानकारी जोड़ने आदि सभी मेनटेंनेस विंडो में एकत्रित होती है. यही नहीं आकड़ों से संबंधित जानकारी भी इसी मेनटेंनेस विंडो में ही एकत्रित होती है. इसलिए इस रात्रि में अपडेट करने के लिए 45 मिनट तक पूरी तरह से बंद किया जाता है.
सिस्टम मेनटेंनेस के दौरान कई स्वचालित साफ्टवेयर अपने आप चलते हैं. इस दौरान इसके CPU और मेमोरी की अधिक खपत होती है. यदि इस दौरान यात्री को ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने के लिए लॉगिन करने की अनुमति दी जाती है तो इससे सिस्टम के काम में बाधा पड़ सकती है. जिससे कारण पूरी की पूरी IRCTC की वेबसाइट ठप पड़ने की संभावना रहती है.
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