पटना: आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए जगदानन्द सिंह ने नामांकन किया है. नामांकन में लालू के छोटे बेटे औऱ पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी भी मौजूद थे. तेजस्वी ने कहा कि जगदानन्द पार्टी के सबसे समझदार और मंझे हुए नेता हैं, इनके नेतृत्व में 2020 का चुनाव सफल होगा.


तेजस्वी ने कहा, "सबसे पहले जगदानन्द बाबू को बधाई देंगे. हमें पूरा विश्वास है कि जगदानन्द बाबू सारी प्रक्रिया संपन्न होने के बाद कार्यभार संभालेंगे और सारी जिम्मेदारियों को निभाने का काम करेंगे जो पूर्ण रूप से पार्टी के हित में होगा."


चुनाव को ध्यान में रखते हुए उन्होंने किसान, मजदूर, नौजवान, सरकारी कर्मचारी, शिक्षा, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में सुधार पर काम करने की बात कही. उन्होंने कहा, "हमलोग पूरी ईमानदारी से जनता के मुद्दों के साथ खड़े रहेंगे और जनता के बीच रहकर उन्हें उनका अधिकार दिलाने का प्रयास करेंगे."


तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी सबकी बात करती है चाहे वह सवर्ण हो या गरीब हो. पार्टी चाहती है कि सबको बराबरी का अधिकार मिले, न्याय मिले. साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आरजेडी एक राजनीतिक दल है और विपक्षी है, तो किसी की समस्या हो उसे उठाना पार्टी का कर्तव्य है.


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वहीं प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने से पहले नामांकन के दिन जगदानन्द ने ऐलान किया कि तेजस्वी के नेतृत्व में 2020 में सरकार बनेगी. उन्होंने लालू के सपने को पूरा करने के लिए तेजस्वी को बिहार का नेतृत्व सौंपने की बात की.


जगदानन्द सिंह ने कहा कि "राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जी का समता मूलक समाज बनाने का सपना है. हम उसे पूरा करने के लिए नौजवान नेता तेजस्वी जी को इस राज्य का नेतृत्व सौंपना चाहते हैं. यह संघर्ष लंबे समय से चल रहा है. हम गरीबों के उत्थान की बात करते हैं, नौजवानों के रोजगार की बात करते हैं, छात्रों की उचित शिक्षा की बात करते हैं, किसानों को उनका उचित मूल्य मिले और धार्मिक उन्मादी लोगों से हमारे समाज की रक्षा हो."


उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी किसी के खिलाफ नहीं है. साथ ही उन्होंने राजद के उद्देश्य और सिद्धान्त की बात की.


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लालू ने जगदानन्द को क्यों चुना?
जगदानन्द, लालू के सबसे पुराने और भरोसेमंद नेता के तौर पर जाने जाते हैं. जगदानन्द और बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक ज़माने में पक्के दोस्त रहे पर समता पार्टी बनाने के बावज़ूद लालू का साथ कभी नहीं छोड़ा. जगदानन्द को लालू चाणक्य मानते हैं क्योंकि कई मसलों पर उनकी राय अहम होती है.


जगदानन्द ने कई मौकों पर अपनी राजनीतिक सूझ बूझ का परिचय दिया है जिससे पार्टी को फायदा मिला है. जब नीतीश के साथ महागठबन्धन की सरकार थी और तेजस्वी के इस्तीफे की बात आई तो जगदानन्द ने ही इस्तीफा नहीं देने की राय दी थी. 2020 में सीटों के बंटवारे पर आरजेडी को किसी भी दबाव से बचाने के लिए वे तेजस्वी की ढाल बनेंगे. जगदानन्द राजपूत जाति से आते हैं. आरजेडी में मुस्लिम,यादव और राजपूत को साथ लेने का यह समीकरण वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है.


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