जम्मू कश्मीर: ईंट भट्ठों में 20 अप्रैल से कामकाज शुरू करने के आदेश, 50,000 लोग करते हैं काम
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. इस वजह से सारे काम लगभग ठप पड़े हैं. काम रुक जाने से आर्थिक रूप से कमजोर तबके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
जम्मू: कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अभी लड़ाई कितनी लंबी चलेगी इसपर अभी कुछ कह पाना मुश्किल है, लेकिन इस लड़ाई के बीच ही प्रदेश सरकार ने अर्थव्ययस्था को पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी है. इसी दिशा में जम्मू में गुरूवार को ईंट भट्टों में कामकाज शुरू करने के आदेश दे दिए गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अप्रैल से उत्पादन क्षेत्र में कुछ रियायते देने की घोषणा की थी, लेकिन जम्मू कश्मीर प्रशासन ने गुरूवार को ही इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. जम्मू में करीब 1000 ईंट के भट्ठे जिनमें करीब 50,000 लोग काम कर रहे हैं. ऐसे में जम्मू कश्मीर सरकार ने इस क्षेत्र को प्राथिमिकता देते हुए इन भट्टों को सशर्त चलने के आदेश दे दिए हैं.
सूत्रों की मानें तो इन भट्टों को शुरू करने का एक और बड़ा कारण यह भी है कि जम्मू में बने यह सारे ईंट के भट्ठे रिहायशी इलाको से दूर हैं और इनमें सिर्फ छह महीने उत्पादन होता है. ये भट्ठे गर्मियों में मार्च के मध्य के बाद से जून तक और सर्दियों में नवंबर और दिसंबर के महीने में ही चलते हैं. अपनी इन्ही मांगो को लेकर ईंट भट्ठों के मालिकों ने उप-राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू से मुलाकात की थी जिसके बाद यह आदेश जारी किया है.
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