जम्मू: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच चार दशकों के बाद हुए खूनी संघर्ष में शहीद हुए भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत से देश गुस्से में है. जम्मू में लोगों ने चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया और टायर जलाकर जम्मू-पुंछ हाईवे को जाम किया.


'सेना को दी जाए खुली छूट'


लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार 15 जून की रात हुए खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 जवानों की शहादत से देश में गुस्सा है. जम्मू में लोगों ने भारत-चीन के बीच हुए इस संघर्ष के खिलाफ प्रदर्शन किया और चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर इस हाईवे को जाम किया. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सेना को खुली छूट दी जानी चाहिए और चीन और पाकिस्तान को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाना चाहिए. इनकी मांग थी कि भारतीय सरकार को बड़ा और कड़ा फैसला लेकर सेना को छूट देनी चाहिए ताकि वो अपने हिसाब से कार्रवाई करें.


'बयानबाजी ने एक्शन का वक्त'


इस खूनी झड़प में शहीद हुए जवानों के परिवार वालों के प्रति संवेदना दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन वीर जवानों के साथ पूरा देश खड़ा है और अब समय आ गया है जब इस हमले पर बयानबाज़ी नहीं एक्शन होना चाहिये.


गलवान में हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों ही सेनाएं उस क्षेत्र से पीछे हट गई हैं, लेकिन सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार है. हिमाचल से लेकर उत्तराखंड से लगती चीन की सीमा पर अलर्ट है. उत्तराखंड के जोशीमठ में भारतीय सेना की मूवमेंट बढ़ी है.


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