जम्मू: कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन जारी है, लेकिन इस लॉकडाउन के चलते जम्मू में ट्रांसपोर्टरों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. परेशान ट्रांसपोर्टरों ने अब सरकार को  चेतावनी दी है कि अगर अगले कुछ दिनों में उनकी मांगो का निपटारा नहीं हुआ तो वो सड़कों पर उतर आएंगे.


ऑल जे एंड के ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्क्षय सरदार टीएस वजीर के मुताबिक लॉकडाउन के चलते पिछले करीब ढाई महीने से प्रदेश में करीब 75,000 कमर्शियल वाहन सड़कों पर नहीं चले है जिसके चलते उन्हें हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही गाड़ियों का बीमा, ड्राइवर-क्लीनर का वेतन, फीस और बैंक से लिए लोन पर ब्याज भी ट्रांसपोर्टरो को देना पड़ रहा है.


टीएस वज़ीर ने कहा कि ट्रांसपोर्टर असमंजस की स्थिति में है क्योंकि आगे भी उन्हें अपने वाहन सड़कों पर चलाने के फिलहाल आसार नजर नहीं आ रहे. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें प्रस्ताव मिला था कि ट्रांसपोर्टर अगर चाहे तो अपने वाहन चला सकते हैं लेकिन उसके लिए शर्त यह रखी गयी थी कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में क्षमता से आधी सवारियां बिठाने की इजाज़त होगी.


वज़ीर के मुताबिक सरकार जब तक यात्री किराये में बढ़ोतरी नहीं करती तब तक आधी क्षमता पर ट्रांसपोर्ट चलाना नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि सरकार लगतार डीज़ल की कीमतों और और टोल प्लाजा पर काटने वाले टोल की बढ़ोतरी कर रही है, जबकि यात्री किराये में कोई इज़ाफ़ा नहीं हो रहा, जिससे ट्रांसपोर्टरों को लगातार नुकसान हो रहा है. उन्होंने मांग की कि मौजूदा हालातो में ट्रांसपोर्टरो को बीमा, बैंक के ब्याज और फीस छह महीने तक की जाये और साथ ही यात्री किराये में पचास प्रतिशत की बढ़ोतरी की जानी चाहिए.


टीएस वज़ीर के मुताबिक ट्रांसपोर्टर भूखमरी की तरफ जा रहा है और अब फैसला लिया गया है कि अगर अगले कुछ दिनों में उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो सड़कों पर धरने पर बैठेंगे. साथ ही ट्रांसपोर्टरों ने हाल ही में घोषित 20 हज़ार करोड़ के पैकेज को भी अपने साथ धोखा बताया है.



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