कानपुर: कानपुर के संजीत अपहरण और फिर हत्या मामले के खुलासे के 23 दिन बीत जाने के बाद अभी तक पुलिस न ही संजीत का शव बरामद कर पाई है न ही संजीत का मोबाइल अभी तक पुलिस के हाथ नही लगा है. कानपुर की कार्यप्रणाली से नाराज संजीत के परिजन बीती 14 तारीख को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए पैदल निकल पड़े थे.
जानकारी मिलने पर पुलिस में परिजनों को समझाबुझाकर कर घर वपास भेजा था. वहीं हाल ही में चार्ज पर आए एसपी साउथ दीपक भूकर ने पूरे मामले पर फिर से 2 टीमों का गठन किया है और संजीत के शव, मोबाइल और फिरौती वाले बैग की तलाश तेज़ कर दी है.
एसपी साउथ द्वारा संजीत मामले पर दो टीमों का अलग-अलग गठन किया गया है. जिनमें 4 एसआई, 4 मुख्य आरक्षी और 10 आरक्षी हैं. यही नहीं एसपी साउथ ने फील्ड- यूनिट एवं डॉग- स्क्वाड और गोताखोर को भी इस काम मे लगाया है.
क्या था घटनाक्रम
- 22 जून की रात हॉस्पिटल से घर आने के दौरान संजीत का अपहरण हुआ.
- 23 जून को परिजनों ने जनता नगर चौकी में उसकी गुमशुदगी की तहरीर दी.
- 26 जून को एसएसपी के आदेश पर राहुल यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई.
- 29 जून को अपहरणकर्ता ने संजीत के परिजनों को 30 लाख की फिरौती के लिए फोन किया.
- 5 जुलाई को परिजनों ने शास्त्री चौक पर जाम लगाकर पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया
- 12 जुलाई को एसपी साउथ कार्यालय में इस बाबत दोबारा प्रार्थना पत्र दिया गया
- 13 जुलाई को परिजनों ने फिरौती की रकम 30 लाख से भरा बैग गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया, लेकिन फिर भी संजीत नहीं आया.
- 14 जुलाई को परिजनों ने एसएसपी और आईजी रेंज से शिकायत की, जिसके बाद संजीत को 4 दिन में बरामद करने का भरोसा दिया गया
- 16 जुलाई को बर्रा इंस्पेक्टर रंजीत राय को सस्पेंड कर सर्विलांस सेल प्रभारी हरमीत सिंह को चार्ज दे दिया गया.
- 24 जुलाई को पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया.
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