Karnataka Election 2023: मंगलवार की रात मतदान की पूर्व संध्या पर, कथित रूप से भाजपा के कार्यकर्ताओं ने के आर पेट विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं को साड़ी और चिकन वितरित किया. बुधवार को, जैसे ही कांग्रेस को इसकी भनक लगी तो वह सवाल पूछने लगे. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि मुर्गी के बाद अंडा जरूर आया. 


ग्रामीणों ने फ्री का सामान लौटाया


बीजेपी के कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा के जन्मस्थान, बूकानाकेरे के गंजीगेरे के ग्रामीणों ने "फ्री में दिए गए सामान" को लौटा दिया. बुधवार की सुबह, ग्रामीणों को एक स्थानीय भाजपा नेता के घर के बंद दरवाजे पर चिकन और साड़ी फेंकते हुए देखा गया. इसके साथ ही वे पार्टी के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा गया. वे चिल्ला रहे थे "धिक्कार है (आपको शर्म आनी चाहिए) और ये सारी चीजें कैमरे में कैद हो गईं. 


वहीं, चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि उन्हें इसके कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन वे इस मामले को देखेंगे. भाजपा और कांग्रेस दोनों के जिला स्तरीय नेता ने पर कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है. एक ग्रामीण ने कहा कि "भाजपा कार्यकर्ता" चिकन और साड़ी के साथ अनुसूचित जाति बहुल गंजीगेरे गांव में पार्टी को वोट देने के लिए "लालच" देने आए थे. 


पहले कईयों ने उपहार स्वीकार


लेकिन जब लोगों ने इसे लेने से इनकार कर दिया, तो वे इसे उनके दरवाजे पर छोड़ गए. यह दावा करते हुए कि उन्होंने खुद ही इसे वापस करने का फैसला किया है. ग्रामीण ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि “हम नहीं चाहते कि वे (नेता) हमें इन सब चिजों से लुभाएं. हम जिसे चाहेंगे, उसे वोट देंगे.'' एक अन्य ग्रामीण ने स्वीकार किया कि उनमें से कुछ ने "उपहार" स्वीकार किए लेकिन बुधवार की सुबह एक स्थानीय कांग्रेस नेता के उनके पास आने और उनसे पूछताछ करने के बाद उनका मन बदल गया. 


गंजीगेरे गांव के एक वकील ने कहा कि ग्रामीण यह दिखाना चाहते थे कि वे भाजपा को वोट नहीं देंगे. “लगभग 2 बजे, (भाजपा उम्मीदवार) नारायण गौड़ा के समर्थक गाँव में आए और मतदाताओं को चिकन, पैसे और साड़ी देकर उन्हें अपने पक्ष में वोट देने के लिए लुभाने की कोशिश की. लेकिन ग्रामीणों ने कुछ भी लेने से मना कर दिया. इसके बाद फिर तड़के 3 से 4 बजे के बीच गौड़ा के समर्थकों ने ये सामान घरों के बाहर रख दिया. 


भाजपा नेता के घर पर फेंका गिफ्ट


गुस्से में, ग्रामीणों ने एक स्थानीय भाजपा नेता के घर पर जबरदस्ती दिए गए 'उपहार' को फेंक दिया जबकि उनमें से कुछ ने उन्हें नदी में फेंक दिया. उसके बाद, सभी ने अपनी इच्छा के अनुसार शांतिपूर्वक मतदान में भाग लिया. एससी के अलावा, गंजीगेरे में अच्छी खासी कुरुबा आबादी है, जोकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री के दावेदार सिद्धारमैया के साथ सामुदायिक संबद्धता साझा करते हैं.


एक समय में केआर पेट कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन अब यहां पर जद (एस) का वर्चस्व बढ़ा है, जिसका इस क्षेत्र में गढ़ है. 2013 और 2018 में, यह सीट जद (एस) के प्रत्याशी केसी नारायण गौड़ा ने जीती थी. लेकिन गौड़ा उन 17 कांग्रेस और जद (एस) विधायकों में से एक थे, जिन्होंने 2019 में सरकार बनाने में मदद करते हुए इस्तीफा दे दी थी और भाजपा में चले गए.


के आर पेट सीट पर 74.30% से अधिक मतदान


गौड़ा के भाजपा में शामिल होने के बाद से यह सीट खाली हो गई थी तब आर पेट सीट पर 2019 में उपचुनाव हुए थे. उसमें भी उन्होंने फिर से जीत हासिल की थी. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में जद (एस) के बीएल देवराज को हराया था. केआर पेट से बीजेपी की यह पहली जीत थी. चुनावों से पहले, गौड़ा के कांग्रेस में जाने की कोशिशों को लेकर काफी चर्चा थी. कहा जाता है कि येदियुरप्पा ने उन्हें रहने के लिए मना लिया था. इस बार कांग्रेस ने इस सीट से बी एल देवराज (2019 उपचुनाव जद-एस उम्मीदवार) को मैदान में उतारा है, जबकि जद (एस) ने के एचटी मंजू को मैदान में उतारा है. बुधवार को शाम 5 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर 74.30% के साथ भारी मतदान हुआ है.


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