कर्नाटक में चुनावी नतीजों के बीच कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने के लिए एक्टिव हो गई है. कांग्रेस गोवा की तरह गलती नहीं करना चाहती है, इसलिए पार्टी ने रिजल्ट के तुरंत बाद सभी निर्वाचित विधायकों को बेंगलुरु बुलाने की तैयारी कर रही है.
कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार रुझानों में आगे चल रहे सभी नेताओं से लगातार फोन से संपर्क में हैं. कांग्रेस विधायकों को बेंगलुरु लाने के लिए चार्टड प्लेन और हेलीकॉप्टर को भी तैनात किया है. बेंगलुरु से दूर-दराज के सीटों पर जीते विधायकों को हेलीकॉप्टर से लाया जाएगा.
अब तक के रुझानों में कांग्रेस बहुमत के काफी करीब पहुंच गई है. कांग्रेस के वार रूम से एक-एक सीटों की करीब से मॉनिटरिंग की जा रही है. इसी आधार पर पार्टी आगे की रणनीति बना रही है.
बड़े नेता कर्नाटक में मौजूद
कर्नाटक में नतीजे के बाद कुछ गड़बड़ न हो, इसलिए बड़े नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा है. खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बेंगलुरु में हैं. इसके अलावा, पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला भी कर्नाटक में ही डेरा डाले हुए हैं.
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया अपने-अपने समर्थकों से फोन के जरिए लगातार संपर्क में हैं. पार्टी की पहली कोशिश सभी जीते हुए विधायकों को बेंगलुरु लाने की है. इसके बाद आगे नतीजों के हिसाब से रणनीति तय करेगी.
जोनवार मोर्चा संभाल रहे कांग्रेस नेता
सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में ओल्ड मैसूर और बेंगलुरु जोन की कमान डीके शिवकुमार के पास है, जबकि सेंट्रल कर्नाटक और मुंबई कर्नाटक पर सिद्धारमैया नजर बनाए हुए हैं. कांग्रेस में सिद्धारमैया का यह गढ़ माना जाता रहा है.
हैदराबाद कर्नाटक पर खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की नजर है. हैदराबाद कर्नाटक इलाके में इस बार कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिलने की उम्मीद है. चुनाव से पहले बेंगलुरु में आगे की रणनीति बनाने के लिए खरगे की आवास पर शुक्रवार देर रात हाईलेवल मीटिंग भी हुई.
मीटिंग में प्लान-बी पर अधिक चर्चा की गई. अगर कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं आता है, तो सभी विधायकों को हैदराबाद के रिजॉर्ट में शिफ्ट किया जाएगा. यहां एक रिजॉर्ट के बुक करने की भी चर्चा है. हैदराबाद में अभी बीआरएस की सरकार है.
कांग्रेस कार्यालय में जश्न का माहौल
चुनावी रुझानों के बीच कांग्रेस कार्यालय में जश्न का माहौल है. दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक कार्यकर्ता ढोल-नगाड़े की थाप पर नाच रहे हैं. दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कार्यकर्ता बजरंग बली की प्रतिमा लेकर पहुंचे हैं. कार्यकर्ताओं ने बजरंग बली को मिठाई भी खिलाते नजर आए.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कर्नाटक की हार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार बताई है. रमेश ने कहा कि कर्नाटक में मोदी ही चुनाव का चेहरा थे, इसलिए हार भी उन्हीं की हुई है. अब 2024 में हम केंद्र में सरकार बनाएंगे.
मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा?
कांग्रेस की बढ़त के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा है कि उन्हें सभी लोगों का सपोर्ट मिलेगा. शिवकुमार ने कहा कि उन्हें उस वक्त जिम्मेदारी दी गई थी, जब कांग्रेस पूरी तरह कमजोर थी.
उन्होंने आगे कहा कि हाईकमान बेहतर फैसला करने में सक्षम हैं. इधर, सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक और हाईकमान के फैसले के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा तय किया जाएगा. अभी बहुत लोग मुख्यमंत्री के दावेदार हैं.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने के साथ ही सिद्धरमैया और शिवकुमार में विवाद सुलझाने के लिए ही खरगे कर्नाटक में हैं.