Kashmir Railway Track: कश्मीर तक रेल संपर्क के लिए आखिरकार इंतजार खत्म हो सकता है, क्योंकि रेलवे ने कटरा-सियासी रेल लिंक के ट्रैक बिछाने, परीक्षण और कमीशनिंग का काम पूरा करने के लिए 25 जनवरी, 2025 की समय सीमा तय की है. इंजीनियर फिलहाल टनल टी-33 पर काम कर रहे हैं, लेकिन काम के करीब एक महीने में पूरा होने की संभावना है.
नई दिल्ली-बारामुल्ला रेलवे लाइन
अधिकारियों ने बताया, 'रियासी और कटरा के बीच सभी 4 स्टेशनों पर 20 दिसंबर तक काम पूरा हो जाएगा, जिसके बाद डायरेक्टर सेफ्टी 5 जनवरी तक 15 दिनों के लिए ट्रायल ट्रेन रन का निरीक्षण करेंगे'. अधिकारियों के मुताबिक, 5 जनवरी के बाद इस ट्रैक पर बचा हुआ काम पूरा हो जाएगा. उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जनवरी को नई दिल्ली-बारामुल्ला रेलवे लाइन को राष्ट्र को समर्पित कर सकते हैं.
मूल रूप से ट्रायल ट्रेन रनिंग 5 जनवरी से होगी और इस दौरान बड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलाने का फैसला भी लिया जा सकता है. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक ट्रेनों का ट्रायल भी होगा. सियासी और कटरा के बीच 17 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन को पूरा करने और उधमपुर से बारामुल्ला तक रेल सेवा शुरू करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.
दिल्ली-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस
पहली नई दिल्ली-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस जनवरी 2025 में शुरू होने वाली है जो 13 घंटे से भी कम समय में 800 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. सेमी हाई स्पीड ट्रेन शाम 7 बजे नई दिल्ली से रवाना होगी और अगले दिन सुबह 8 बजे श्रीनगर पहुंचेगी. फिलहाल संगलदान और रियासी के बीच ट्रायल ट्रेन चलाई जा रही है. इसी सेक्शन में चिनाब नदी पर सबसे ऊंचा पुल भी है, जहां से इलेक्ट्रिक ट्रेन का ट्रायल भी किया जा चुका है.
यहां काम कर रहे इंजीनियरों का कहना है कि रेलवे के डायरेक्टर सेफ्टी ने तीन दिन पहले संगलदान और रियासी के बीच दूसरी बार ट्रैक का निरीक्षण किया और रियासी से कटरा तक ट्रैक और काम की समीक्षा की. उन्होंने बताया कि संगलदान और रियासी के बीच ट्रेन चलाने का मामला टल गया है और अब संगलदान से कटरा तक एक साथ ट्रेन चलाने का फैसला किया गया है.
संगलदान रेलवे लाइन
बनिहाल और संगलदान के बीच 48 किलोमीटर लंबे सेक्शन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल फरवरी में राष्ट्र को समर्पित किया था, जबकि संगलदान से रियासी तक 46 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का अधिकांश काम पूरा हो चुका है और रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने इस सेक्टर का निरीक्षण भी किया है.
एक अधिकारी ने बताया कि 'सुरंग नंबर 1 दिसंबर 2023 में बिछाई जानी थी, लेकिन भौगोलिक मुद्दों के कारण इस सुरंग के अंदर काम करने का अनुभव सिरदर्द था और अब इस सुरंग को सेवा योग्य बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है'. उन्होंने बताया कि 'सुरंग के कुछ हिस्सों में पानी आ रहा था, जिसे अब बंद कर दिया गया है'.
अधिकारी ने बताया कि 'कटरा के पास 3200 मीटर लंबी सुरंग नंबर 1 के अंदर 1500 मीटर रेलवे लाइन बिछाई जा चुकी है, जबकि करीब 2 किलोमीटर पर बिजली का काम भी पूरा हो चुका है'. बनिहाल और कटरा के बीच 111 किलोमीटर लंबे खंड में 27 सुरंगें और 37 पुल हैं.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
कश्मीर रेल परियोजना को 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार ने मंजूरी दी थी और 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान कश्मीर रेल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था.
- 2009 में कश्मीर रेल परियोजना के 118 किलोमीटर लंबे बारामुल्ला-काजीगुंड खंड का पहला चरण पूरा हुआ.
- 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने काजीगुंड और बनिहाल के बीच 18 किलोमीटर लंबे खंड को राष्ट्र को समर्पित किया.
- 2014 में उधमपुर-कटरा के बीच 25 किलोमीटर लंबे खंड का निर्माण पूरा हुआ और इस पर रेल सेवा शुरू हुई.
- फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनिहाल और संगलदान के बीच रेल सेवा का उद्घाटन किया.
अब अगले वर्ष 2025 की शुरूआत तक संगलदान और कटरा के बीच 63 किलोमीटर लंबे खंड का काम पूरा होने से कश्मीर रेल परियोजना का सपना पूरा हो जाएगा, जिसे जम्मू-कश्मीर के विकास और अर्थव्यवस्था में एक बड़े अध्याय के रूप में देखा जा रहा है.
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